तहसील कार्यालयों में स्टाफ की कमी और सुविधाओं में होना चाहिए इजाफा: पराशर

-कैप्टन संजय ने मनियाला पंचायत में जनसंवाद कार्यक्रम में सुनीं स्थानीय समस्याएं

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

कैप्टन संजय ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र में स्थित तहसील कार्यालयों में स्टाफ की कमी और सुविधाओं की दरकार से आम जनता को परेशान होना पड़ता है। ऐसे में इन कार्यालयों में जनसुविधा के लिए सभी समस्याओं का समाधान समय रहते होना चाहिए।

बुधवार को क्षेत्र की मनियाला पंचायत में जनसंवाद कार्यक्रम में स्थानीय वासियों से रूबरू होते हुए पराशर ने कहा कि राजस्व संबंधी कार्यों के लिए आए दिन स्थानीय जनता को तहसील कार्यालयों में जाना पड़ता है। ऐसे में सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए तंत्र को संवेदनशील रवैया अपनाना होगा। संजय ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र में वर्तमान में तीन तहसीलें और एक उप-तहसील है। क्षेत्र की सबसे पुरानी तहसील जसवां-कोटला में स्टाफ की कमी से आम जनता संबंधी कार्य प्रभावित होते हैं।

तहसील में वर्तमान में एक ही कर्मचारी क्लर्क के रूप में कार्यभार संभाल रहा है, जबकि पंचायतों के हिसाब से यहां पांच क्लर्कों की आवश्यकता है। कहा कि उनकी जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि एक कंप्यूटर ऑपरेटर को डेपुटेशन पर देहरा भेज दिया गया है। ऐसे में वाहनों की रजिस्ट्रेशन से लेकर भू-संबंधी कार्यों को करने के यहां तैनात स्टाफ काे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

पराशर ने कहा कि शायद जसवां-कोटला ऐसी तहसील है, जिसका कोई साईन बोर्ड तक सड़क के किनारे नहीं लगा है। ऐसे में कोई दूरदराज से व्यक्ति या बाहर से आने वाला उद्यमी यहां अपना काम करवाने आता है तो उसे तहसील कार्यालय ढूंढने के लिए पूछताछ करनी पड़ती है। इसी तरह रक्कड़ तहसील में भी फील्ड कानूनगो, सुप्रीटेडेंट, चपड़ासी, चौकीदार और सफाई कर्मचारी के पद रिक्त चल रहे हैं।

संजय ने कहा कि परापगुर का उपतहसील कार्यालय भी राम भरोसे चला हुआ है और यहां दो रेगुलर कर्मचारियों के कंधों पर इस सब तहसील का बोझ है। कहा कि उनके संज्ञान में यह आया है कि परागपुर उप तहसील में ऑफिस कानूनगो, कनिष्ठ कार्यालय सहायक के दो पद, फील्ड काूननगो, चपड़ासी और चौकीदार के पद खाली चल रहे हैं। पराशर ने कहा कि विडम्बना यह भी है कि नायब तहसीदार का पद भी भरा नहीं गया है और अतिरिक्त कार्यभार देकर काम चलाया जा रहा है।

संजय ने कहा कि डाडासीबा तहसील में ट्रेजरी न होने से क्षेत्र के लोगों को चालान बनाने सहित अन्य शासकीय कार्यों के लिए 20 किलोमीटर दूर कस्वा कोटला की ओर जाना पड़ता है। इस तहसील मुख्यालय पर ट्रेजरी कार्यालय न होने से ग्रामीणों को भूमि रजिस्ट्री, भू-भाटक, नामांतरण, सीमांकन, नवीनीकरण सहित अन्य कार्यों के लिए बनवाए जाने वाले चालानों के लिए परेशान होना पड़ता है।

तहसील कार्यालय में रजिस्ट्री के लिए स्टांप वेंडरों के पास केवल बीस हजार की कीमत तक के स्टांप मिल सकते है। इससे ऊपर के स्टांप के लिए लोगों को कस्बा कोटला जाकर लाने पड़ रहे है। जाहिर सी बात है कि इससे स्थानीय वासियों का अतिरिक्त समय व धन खर्च होता है। संजय पराशर ने कहा कि व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि इन कार्यालयों में स्टाफ की कमी या अन्य कारणों से आम नागरिक को लाइनों में खड़े होकर लंबा इंतजार न करना पड़े।