हमारे पूर्वजों ने जो कार्य किए उन्हें सहेज कर रखना हमारी जिम्मेवारी: डॉ. रितू मलकोटिया

आशीष राणा। धर्मशाला

कांगड़ा कला संग्रहालय धर्मशाला द्वारा प्रबल प्रमाणिक कला अकादमी भामलादा के साथ मिलकर इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। दो दिवसीय प्रदर्शनी में विश्व स्तरीय धरोहरों को सहेजने का भी संदेश दिया जा रहा है, यही वजह है कि विदेशी कलाकारों की कृतियों को भी इस प्रदर्शनी में शामिल किया गया है।

प्रबल प्रमाणिक कला अकादमी भामलादा के अध्यक्ष अरुप चंद्रा का कहना है कि धरोहरें अमूल्य हैं, ऐसे में जो भी धरोहर स्थलों पर जाएं, वहां नाम न लिखें न ही हाथ लगाएं। पुरातन धरोहरों बारे लोगों को जागरूक करने के साथ युवाओं को धरोहरों की जानकारी देने के लिए इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। हमारे पूर्वजों ने जो कार्य किए, उन्हें भी सहेज कर रखना हमारी जिम्मेवारी है और हमें इस दिशा में अपने दायित्व का निर्वाहन करना चाहिए।

कांगड़ा कला संग्रहालय की प्रभारी डॉ. रितू मलकोटिया ने दो दिवसीय प्रदर्शनी में पेंटिंग, ड्राइंग और स्टैम्प प्रदर्शित की गई हैं। जिसमें उड़ीसा सहित विदेशों के कलाकारों की कृतियां भी प्रदर्शित की गई हैं। प्रदर्शनी के माध्यम से युवा पीढ़ी को हमारी सभ्यता व संस्कृति के संरक्षण हेतू संदेश देने का प्रयास किया गया है।