उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
बेरोजगार शारीरिक शिक्षक प्रदेशाध्यक्ष ने सरकार से पूछा है कि बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों की क्या गलती है कि उनको पिछले 20-25 वर्षों से किस बात का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। संदीप घई ने कहा कि सरकार ने जो 5000 से अधिक शिक्षकों के पद भरने का फैसला लिया है उसमें बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों का एक भी पद नहीं है।
उनके ऊपर 100 बच्चों की कंडीशन थोप दी गई है। हैरान करने वाली बात यह है कि जब किसी पार्टी को वोट चाहिए होता है, तो वह इन बातों का जिक्र तक नहीं करता। सत्ता में आते ही वह कंडीशन पर कंडीशन लगाने लग पड़ता है। हैरानी तो इस बात की हो रही है, ना तो पिछली सरकार ने अपने 5 साल के कार्यकाल में एक भी शारीरिक शिक्षक की भर्ती की और ना ही वर्तमान सरकार हमारे बारे में सोच रही हैं बल्कि दूसरी कैटेगरी के शिक्षकों के पद पहले भी भरे जा चुके हैं।
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उनको बार-बार मौका मिल रहा है और हम उनका मुंह देख रहे हैं जबकि हमारे शारीरिक शिक्षकों के पद हजारों की संख्या में खाली पड़े हुए हैं। मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि जिन स्कूलों में 100 बच्चों से कम विद्यार्थी हैं। उन बच्चों को शारीरिक और मानसिक विकास की जरूरत नहीं है।
अगर बच्चे और जवान बुजुर्गों का शारीरिक विकास और मानसिक विकास नहीं होगा। तो वह कैसे जीवित रह सकते है, आजकल ऐसा दौर चला हुआ है। हर कार्य मनुष्य मशीनों के द्वारा कर रहा है, जिससे कि मनुष्य का शरीर कमजोर पड़ चुका है। उसको शारीरिक शिक्षा की और खेलकूद की अत्यंत आवश्यकता है ताकि वह अपने शरीर को फिट और बीमारियों से दूर रख सके।
मेरी माननीय मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से विनम्र प्रार्थना है कि 100 बच्चों की कंडीशन को हटाया जाए और कमीशन और बैच वाइज के माध्यम से तुरंत प्रभाव से शारीरिक शिक्षकों के पदों को भरा जाए। इस मौके पर संजीव, काका, सुनील चटानी, अनूप, नरेश, विपिन, संदीप, अशोक, अनिल धीमान, अरुण, सचिन, विशाल, अशोक, देशराज कई बेरोजगार शारीरिक शिक्षक मौजूद रहे।