हिमाचल में गेहूं का एमएसपी बढ़ाने की उठी मांग, पठानिया बोले- किसानों की आय दुगनी करने का फरमान हो रहा खोखला

नुरपुर । विनय महाजन

प्रदेश सरकार ने इस बार गेहूं की खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल की तरह 1975 रुपए प्रति क्विंटल बरकरार रखा है जबकि खादों का मूल्य दो गुणा बढ़ा दिया है। यह बात भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष सुरेश पठानिया ने प्रेसवार्ता के दौरान की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों की आय दुगनी करने का दिया गया नारा अब खोखला सिद्द हो रहा है।

हकीकत में किसानों का हर जगह उत्पीडऩ हो रहा है। पठानियां ने कहा कि सरकार द्वारा 2020 में भी गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपए रखा गया था तो इस बार डीजल, पेट्रोल, खाद और बीज के दामों में भारी भरकम वृद्वि के बावजूद भी सरकार ने गेहूं की खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 ही बरकरार रखा है।

ऐसे में बढ़ी हुई महंगाई के बावजूद एमएसपी का एक रुपया भी न बढ़ाना कहां का न्याय है। पठानियां ने तर्क देते हुए कहा कि इस बार किसान की सरसों की फसल 35 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिकी और मार्किट में उसी सरसों का खाद्य तेल 175 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिक रहा है। उन्होंने सरकार से मांग है कि किसानों के हितों की रक्षा और किसानी को बचाने के लिए प्रदेश सरकार शीघ्र राहत पैकेज घोषित करे ।