उज्जवल हिमाचल। मंडी
नगर निगम मंडी द्वारा सुकोड़ी पुल के पास से हटाए जा रहे 9 रेहड़ी-फहड़ी धारकों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट की बैच नंबर-1 ने इन रेहड़ी-फहड़ी (street vendors) धारकों को यहां से हटाने पर रोक लगा दी है और इस विषय पर नगर निगम मंडी को एक महीने के भीतर अपना जबाव दाखिल करने को कहा है। सीटू से संबंधित रेहड़ी-फहड़ी यूनियन ने इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बता दें कि सुकोड़ी पुल के पास नगर निगम द्वारा सुकोड़ी खड्ड पर पार्किंग का निर्माण किया गया है।
इसके चलते नगर निगम यहां रोजी-रोटी कमा रहे रेहड़ी-फहड़ी धारकों को किसी दूसरे स्थान पर बदलने जा रही थी। इसके लिए बीती 15 मई को निगम ने शहर में 35 नए वेंडिंग जोन बनाने की अधिसूचना भी जारी की गई थी। उस जोन में सुकोड़ी पुल के स्थान पर सुकोड़ी खड्ड और टारना रोड़ का जिक्र किया गया था।
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नोटिफिकेशन जारी होने के बाद यहां काम कर रहे रेहड़ी-फहड़ी धारकों को हटने का नोटिस भी जारी कर दिया गया था। सीटू के जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जो नया स्थान बताया जा रहा है वहां रेहड़ियां लग पाना संभव ही नहीं। ऐसे में इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जहां से इसपर रोक लगा दी गई है।
रेहड़ी-फहड़ी यूनियन का आरोप है कि नगर निगम (Municipal council) के कमीशनर और कर्मचारी स्थानीय विधायक के दबाव में यह सब कर रहे हैं। इससे पहले भी जब टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठकें हुई थी तो उसमें यही तय हुआ था कि एक सब कमेटी बनाकर सुकोड़ी पुल को लेकर निर्णय लिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और निर्णय मर्जी से ही लेकर नई अधिसूचना जारी कर दी, जिस कारण इस मामले को लेकर न्यायलय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
संवाददाताः उमेश भारद्वाज
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