गुडिय़ा केस : दोबारा जांच के लिए सीबीआई को नोटिस

उज्जवल हिमाचल। शिमला

प्रदेश हाईकोर्ट ने गुडिय़ा दुष्कर्म मामले की जांच पुन: करवाए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका में सीबीआई को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात सीबीआई को नोटिस जारी किया। गुडिय़ा के परिजनों की ओर से इस बारे में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी प्रार्थी ने इस मामले की पुन: विस्तृत जांच के लिए याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने प्रार्थी को याचिका वापिस लेने की अनुमति प्रदान करते हुए हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर अपना पक्ष रखने की इजाजत दी थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि जब हाईकोर्ट द्वारा मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इसकी जांच के लिए सीबीआई को नियुक्त किया गया था तो इस स्थिति में यह उचित होगा कि प्रार्थी हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखे। परिजनों ने याचिका में सीबीआई द्वारा की गई जांच में खामियों को उजागर करते हुए इसकी जांच पुन: करवाने की मांग की गई है।

2017 में लापता छात्रा का मिला था शव

उल्लेखनीय है कि कोटखाई के महासू स्कूल की दसवीं की छात्रा 4 जुलाई 2017 को स्कूल से जाने के बाद अचानक लापता हो गई थी। इसके दो दिन बाद 6 जुलाई को उसका शव दांदी के जंगल में पाया गया। फारेंसिक रिपोर्ट में छात्रा के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने की पुष्टि हुई थी। हालांकि आरंभ में इसकी जांच पुलिस ने की, लेकिन बाद में इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई। सीबीआई ने गुडिय़ा रेप-मर्डर मामले में अप्रैल 2018 को एक नीलू नामक एक चिरानी को गिरफ्तार किया। आरोपी नीलू के खिलाफ सीबीआई ने जुलाई 2018 में कोर्ट में चालान पेश किया था और यह मामला अभी कोर्ट में हैं। मगर गुडिय़ा के परिजन सीबीआई की जांच पर सवाल उठा रहे हैं। इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।