बद्दी में सेप्टिक टैंक ड़ूबने से दो बच्चों की मौत मामले में ठेकेदार और स्कूल पर दर्ज हो मुकदमा: शांता कुमार

उज्जवल हिमाचल। पालमपुर

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा आज एक समाचार ने दिल दहला दिया। बद्दी में सात साल का शाहनवाज और चार साल का महराज खेलते हुए एक 12 फुट गहरे टैंक में जा गिरे।  टैंक में पानी भरा था।  कुछ देर के बाद एक की चम्पल ऊपर तैरने लगी। किसी ने देखी, लोग आये और दोनों बच्चों को बाहिर निकला। तब तक एक माॅं के दो लाडले मर चुके थे।
किशनपुरा स्कूल में बन रहे टैंक के लिए गड्ढा खोदा गया था। स्कूल में छुटिटयां हो गई थी।  ठेकेदार और स्कूल दोनों की जिम्मेदारी थी कि गड्ढे को ढंक देते परन्तु इस देश में सब अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते।  इस दर्दनाक घटना को पढ़ कर और अखबार में छपे उन दो नन्हें बच्चों की शक्ल देखकर किसी का भी दिल दहल गया होगा। मैं बड़ी देर उन दो नन्हें बच्चों की अखबार में छपी फोटो देखता रहा। आंखों में आंसु आ गये।  व्यवस्था पर शर्म भी आई।
उन्होंने कहा इस प्रकार की घटनाएं कई बार घटी है।  किसी भी घटना पर कठोर दण्ड नही दिया होगा।  भारत की सबसे बड़ी कमी यही है कि बहुत से लोग अपने कर्तव्य का ईमानदारी से पालन नही करते। पकड़े जाते है परन्तु कठोर दण्ड नही दिया जाता।  यह साधारण अपराध नही है। दो बच्चों की हत्या हुई है। कानून में बिना इदारे के भी हत्या करने का अपराध माना गया है और उस पर सख्त सजा होती है।
शान्ता कुमार ने कहा भारत में किसी बात की कोई कमी नहीं हैं कमी है तो केवल और केवल एक है कि बहुत से लोग ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन नही करते।  भगवान ने भारत को सब कुछ दिया है यदि सब लोग ईमानदारी से कर्तव्य का पालन करने लगे तो कल भारत स्वर्ग हो जाए।  देश में भ्रश्टाचार, गरीबी और बेरोजगारी का एक ही कारण है कि प्रमुख लोग ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन नही करते।
उन्होंने कहा बद्दी के इस मामले में ठेकेदार और स्कूल दोनों जिम्मेदार है उन पर बिना इरादे के हत्या करने के अपराध में मुकदमा चलना चाहिए और उन्हें सख्त सजा होनी चाहिए नही तो इसी प्रकार से निर्दोश मरते रहेंगे। दो बच्चों की हत्या के अपराध में यदि एक बार उमर कैद की सजा हो जाये तो फिर कभी भी ऐसी लापरवाही नही होगी।पालमपुर – हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा आज एक समाचार ने दिल दहला दिया। बद्दी में सात साल का शाहनवाज और चार साल का महराज खेलते हुए एक 12 फुट गहरे टैंक में जा गिरे।  टैंक में पानी भरा था।  कुछ देर के बाद एक की चम्पल ऊपर तैरने लगी। किसी ने देखी, लोग आये और दोनों बच्चों को बाहिर निकला। तब तक एक माॅं के दो लाडले मर चुके थे।
किशनपुरा स्कूल में बन रहे टैंक के लिए गड्ढा खोदा गया था। स्कूल में छुटिटयां हो गई थी।  ठेकेदार और स्कूल दोनों की जिम्मेदारी थी कि गड्ढे को ढंक देते परन्तु इस देश में सब अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते।  इस दर्दनाक घटना को पढ़ कर और अखबार में छपे उन दो नन्हें बच्चों की शक्ल देखकर किसी का भी दिल दहल गया होगा। मैं बड़ी देर उन दो नन्हें बच्चों की अखबार में छपी फोटो देखता रहा।  आंखों में आंसु आ गये।  व्यवस्था पर शर्म भी आई।
उन्होंने कहा इस प्रकार की घटनाएं कई बार घटी है।  किसी भी घटना पर कठोर दण्ड नही दिया होगा।  भारत की सबसे बड़ी कमी यही है कि बहुत से लोग अपने कर्तव्य का ईमानदारी से पालन नही करते। पकड़े जाते है परन्तु कठोर दण्ड नही दिया जाता।  यह साधारण अपराध नही है। दो बच्चों की हत्या हुई है। कानून में बिना इदारे के भी हत्या करने का अपराध माना गया है और उस पर सख्त सजा होती है।
शान्ता कुमार ने कहा भारत में किसी बात की कोई कमी नहीं हैं कमी है तो केवल और केवल एक है कि बहुत से लोग ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन नही करते।  भगवान ने भारत को सब कुछ दिया है यदि सब लोग ईमानदारी से कर्तव्य का पालन करने लगे तो कल भारत स्वर्ग हो जाए।  देश में भ्रश्टाचार, गरीबी और बेरोजगारी का एक ही कारण है कि प्रमुख लोग ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन नही करते।
उन्होंने कहा बद्दी के इस मामले में ठेकेदार और स्कूल दोनों जिम्मेदार है उन पर बिना इरादे के हत्या करने के अपराध में मुकदमा चलना चाहिए और उन्हें सख्त सजा होनी चाहिए नही तो इसी प्रकार से निर्दोश मरते रहेंगे। दो बच्चों की हत्या के अपराध में यदि एक बार उमर कैद की सजा हो जाये तो फिर कभी भी ऐसी लापरवाही नही होगी।