गौ सेवा दल बेसहारा गौ वंश की हर संम्भव सहायता करने के लिए तैयार

विनय महाजन। नूरपुर

एक समय था जब नूरपुर की सड़कों पर बेसहारा घायल गौ वंश तड़पते-तड़पते दम तोड देते थे पर आज ऐसा नूरपुर में नहीं है। अब बेसहारा घायल गौ वंश के लिए नूरपुर में एक संस्था मसीहा बनी है। हिमाचल प्रदेश से नूरपुर में एक ऐसी गौ संस्था जिसको सरकार द्वारा फूटी कोडी की वित्तीय मदद आज तक नहीं मिली। हिमाचल सरकार ने बेसहारा गौ सेवा से लिए बडी-बडी घोषणाएं जनता में की है लेकिन धरातल पर इन योजनाओं को सरकार ने नूरपुर में आज तक अम्लीजामा नहीं पहनाया।

गौ सेवा दल पिछले 3-4 सालों से लगातार नूरपुर में बेसहारा घायल गौ वंश की मलहम पट्टी, अति चोटिल गौ वंश को भिन्न भिन्न गौ शालाओं में पहुंचाने, दवाइओं, यहां तक कि जिन गौ वंश की सड़क दुर्घटनाओं में हड्डी तक टूट चुकी होती है ऐसे गौ वंश का भी ईलाज आज गौ सेवा दल नूरपुर द्वारा करवाया जाता है इसके लिए फिर चोटिल गौ वंश के लिए पठानकोट से डॉक्टर बुलाने पड़े या वेटनरी गौ सेवा दल पीछे नहीं हटता है।

ये सारा सेवा कार्य गौ सेवा दल बिना किसी सरकारी फंड से सहायता नूरपुर हल्के में कर रहा है। गौ सेवा दल नूरपुर के अध्यक्ष अर्पण चावला ने बताया कि उनके गौ सेवक नि: स्वार्थ भाव से सेवा कार्य कर रहे है। अभी तक सैंकड़ों घायल चोटिल गौ वंश का ईलाज हो चुका है।

सड़कों पर बेसहारा गौ वंश की तादात दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में गाय बगेरा घायल होती हैं तो गौ सेवा दल के सदस्यों को आए दिन सड़कों पर मलहम पट्टी करते आम देखा गया है। उधर गाय पालने वाले भी कुछ ऐसे हैं कि दुध दोहने से बाद पालतु गाय को चरने से लिऐ सरेआम अवारा पशुओं की तरह सडकों पर भेज देते है। भारत सरकार की यह योजना हिमाचल प्रदेश में अधिकतर जगहों पर फाईलों में सिमट कर रह गयी।

जिसका उदाहरण रात को सडकों पर इन बेसहारा पशुओं का एकजुट होकर उपस्थित रहना है। उन्होंने बताया कि गौ वंश को सड़क दुर्घटनाओं से बचाने के लिए बेसहारा गौ वंश के गले में रेडियम कॉलर पहनाए जा रहे है। ये रेडियम कॉलर वाहन की लाईट पड़ते ही चमकने लग पड़ते है जिससे वाहन चालक सचेत हो जाते है कि आगे कोई गाय बैठी या खड़ी है और दुर्घटना होने से बच जाती है।

गौ सेवा दल के सदस्य विनोद, संजय, रवि, करन आदि ने बताया कि आज स 3-4 साल पहले जब हमने अत्यधिक बारिश में नि: स्वार्थ गौ सेवक अर्पण चावला को एक घायल गौ वंश की बारिश में ही मलहम पट्टी करते देखा उस दिन से ही हम सब युवा इनके साथ गौ सेवा में जुट गए।

इन गौ सेवकों का कहना गौ कि भारत सरकार व राज्य सरकार की जब कोई वीआईपी जब अपने दौरे पर आता है पुलिस विभाग इन बेसहारा पशुओं को गाडी में बैठाकर सड़क से दूर ले जाने को मजबूर हो जाता है।

गौ सेवक विनोद, महिंद्र, करन, विशाल, लेख राज, संजीव जमवाल, हरनाम सिहं, अमन, कपिल, कमल, सलमान, धीरज, रवि, अक्ष्य, शुभम आदि ने बताया कि हमें गर्व है कि गौ सेवक भाई अर्पण चावला पर जिन्होंने हमें गौ सेवा करने के लिए प्रेरित किया।