जीवन की अंतिम सांस भी जसवां-परागपुर वासियों के लिए समर्पित: पराशर

-संजय ने मनियाला पंचायत में किया 18वें महायज्ञ का आयोजन

उज्जवल हिमाचल। परागपुर

कैप्टन संजय ने कहा है कि सनातन धर्म के संस्कारों में समाज सेवा एक तरह से नैतिक दायित्व भी होता है। अगर आपने इस दुनिया व समाज से कुछ हासिल किया है तो आपका भी फर्ज बनता है कि आप उस वर्ग, तबके या कमजोर व्यक्ति का साथ दें जो किन्हीं कारणों के चलते अक्षम है।

वीरवार को जसवां-परागपुर क्षेत्र की मनियाला पंचायत में आयोजित 18वें महायज्ञ में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए पराशर ने कहा कि समाज की बेहतरी के लिए कुछ करना उनकी आदत में शुमार है। इससे पहले भी मुंबई के वासियों और विदेशों में फंसे नाविकों के हित में काम किया और कोरोनाकाल से लेकर अब तक समाज के गरीब वर्ग के उत्थान के लिए अपने संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। संजय ने कहा कि बेहतर समाज के लिए हर किसी को सोचना और काम करना होगा क्योंकि सिर्फ बातों से ही काम हो जाए तो यह संभव नहीं है।

पराशर ने कहा कि वो हर रोज जसवां-परागपुर क्षेत्र के गांवों में जाते हैं और जो भी वहां की समस्याएं हैं, उन्हें हल करने का प्रयास करते हैं। क्षेत्र के धार्मिक स्थलों की मरम्मत व जीणोद्धार, शिक्षण संस्थानों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना, संपर्क मार्गों की हालत में सुधार करना, समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की सहायता करना, बीमार लोगाें के इलाज में मदद और विद्यार्थियों को निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध करवाना, ऐसे कई काम हैं, जो हर रोज करते हैं।

शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, नारी सशक्तिकरण और गरीबी उन्मूलन उनके विजन में प्रमुखता से शामिल है।कहा कि वह व्यवस्था परिर्वतन के हक में हैं। संजय ने कहा कि आज पराशर है, कल को नहीं होगा तो अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति की कौन सुनेगा। गरीब आदमी के लिए स्थाई व्यवस्था खड़ी करने के लिए वह व्यवस्था परिवर्तन के हिमायती हैं।

संजय ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के गांवों में मूलभूत सुविधाएं जुटाने के लिए अभी धरातल पर बहुत काम करने की जरूरत है। गांवों का विकास कैसे होगा, गांवों की आवश्यकताएं क्या है, बेरोजगार युवाओं रोजगार के अवसर कैसे उपलब्ध करवाए जाएं, शिक्षा और स्वास्थ्य के ढांचे को कैसे मजबूत किया जाए, इस पर कोई चर्चा करने की गंभीरता से जरूरत है।

नारी सशक्तीकरण और गरीबी उन्मूलन की दिशा में सार्थक व सकारात्मक प्रयास करने होंगे। क्षेत्र में बेसहारा पशुओं की समस्या ऐसी है कि किसानों का खेती से मोह भंग हो चुका है। क्षेत्र गौ अभ्यारण्य बनाए जा सकते हैं और हजारों बेसहारा गौ धन को आसरा दिया जा सकता है। जसवां-परागपुर क्षेत्र के गांवों से पलायन भी हुआ है। इन समस्याओं के समाधान और गांवों में विकास का खाका तैयार करना होगा।

कहा कि उनका लक्ष्य, सोच व विजन आम जनता का भला करना है और जीवन की अंतिम सांस तक जसवां-परागपुर के वासियाें के हितों के लिए संघर्ष करते रहेंगे। इस महायज्ञ में मनियाला पंचायत के एक सौ परिवारों के सदस्यों ने भाग लिया। महायज्ञ में करतार सिंह, संजीव कुमार, देसराज, कश्मीर सिंह, मंजीत, जोगेंद्र और नरेंद्र सहित गणमान्य मौजूद रहे।