जसवां-परागपुर क्षेत्र में रोजगार सृजन को लेकर बड़ा काम करने की जरूरत: कैप्टन संजय

कहा, औद्योगिक क्षेत्र संसारपुर टैरस में कर्मचारियों का हो रहा शोषण

उज्जवल हिमाचल। परागपुर

कैप्टन संजय ने कहा है कि जसवां-परागपुर क्षेत्र में रोजगार सृजन को लेकर बड़ा काम करने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र के कई गांवों से पलायन हुआ है तो उसके पीछे बड़ा कारण शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के साथ रोजगार के व्यापक साधनों का भी न होना रहा है। शुक्रवार को अप्पर परागपुर पंचायत में जनसंवाद कार्यक्रम में पराशर ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र में पिछले साढ़े चार वर्ष में बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हो पाया है।

इस क्षेत्र में पहले से स्थापित संसारपुर टैरस के औद्योगिक क्षेत्र में कई उद्योग बीमार अवस्था में चल रहे हैं और कई औद्योगिक इकाईयों को बंद पड़े लंबा अरसा बीत गया है। संजय ने कहा कि वहां कार्यरत कर्मचारियों का कथित रूप से शोषण हो रहा है। ऐसे में रोजगार को लेकर यहां के कर्मचारियों को अपना भविष्य व हित सुरक्षित नहीं लग रहे हैं।
संजय पराशर ने कहा कि उनके ध्यान में यह बात आई है कि संसारपुर टैरस की एक फार्मा कंपनी ने अपने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

कंपनी के 18 कर्मचारी नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। कहा कि कंपनी में काम न होने का बहाना बनाकर इन कर्मचारियों से नौकरी छीन ली गई और यह कहा गया कि जब काम होगा तो कर्मचारियों को दोबारा काम पर वापिस बुला लिया जाएगा। संजय ने कहा कि जिस उद्योग से कर्मचारियों की छंटनी की गई है, उनमें विधवा व गरीब परिवार की महिलाएं भी शामिल हैं।

टैरस में गरीब मजदूरों व कर्मचारियों की आवाज कहीं न कहीं दब कर रह जाती है और जब रोजगार छिनने के बाद वे सड़क पर आ जाते हैं तो उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं होता है। पराशर ने कहा कि उनके संज्ञान में यह भी आया है कि इस क्षेत्र के कुछ उद्योगों में कर्मचारियों को समय पर वेतन तक नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में समझा जा सकता है कि इस औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी मानसिक व आर्थिक रूप से भी परेशानी मे हैं।

संजय ने कहा कि इन विसंगितयों के चलते यह अनुभव हो रहा है कि प्रदेश के पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में शुमार संसारपुर टैरस सिर्फ नाम का ही औद्योगिक क्षेत्र रह गया है। संजय ने कहा कि जिस मकसद व उदे्श्य को लेकर यह औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किया गया था, वो अपने लक्ष्य से पूरी तरह से भटक गया लगता है। बड़े उद्योगों को लाने में तंत्र कहीं न कहीं नाकाम रहा है।

पंजाब के मुकेरियां या जिला ऊना के दौलतपुर चौक से यहां रेल की पटरी पहुंचाने के प्रयास किए जा सकते थे। साथ में ऐसा वातावरण खड़ा किया जाता, जिससे कि बड़े औद्योगिक घराने यहां बसने में अपनी दिलचस्पी दिखाते। संजय ने कहा कि अब समय के साथ व्यवस्था परिवर्तन की सख्त आवश्यकता है।

कहा कि जसवां-परागपुर में संसारपुर टैरस सहित उन क्षेत्रों का चयन किया जा सकता है, जहां पर उद्योगों के लिए जमीन सहजता से उपलब्ध हो और कारखानाें के साथ मध्यम, लघु या कुटीर उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा सके। कहा कि शीघ्र ही वह अपने इस विजन को आम जनता के बीच लेकर जाएंगे।