हिमाचलः नगर पंचायत ज्वाली में स्वच्छता अभियान की उड़ी धज्जियां, जगह-जगह पर कूड़ा के ढेर

चैन सिंह गुलेरिया। ज्वाली

ज्वाली भले ही केंद्र सरकार व हिमाचल सरकार ने स्वच्छता अभियान को काफी त्बज्जो दी है और इस अभियान के प्रति काफी खर्चा भी किया गया है। लेकिन धरातल पर बिलकुल जीरो देखने को मिलता है। जिसका उदाहरण नगर पंचायत ज्वाली में बिलकुल साफ देखने को मिलता है। सफाई के नाम पर लाखों के हिसाब से नगर पंचायत ज्वाली को बजट मिलता है और न जाने कि सारे का सारा बजट किस गट्टर में चला जाता है। सीवरेज का बुरा हाल है। जगह जगह पर कूड़ा कचरे के ढेर देखने को मिलते है। तस्वीर में जो डस्टबिन गंदगी से तंग आकर सड़क किनारे लेटा हुआ है और साथ में जो गंदगी बिखरी हुई है।

यह स्थान वार्ड नंबर 5 में पार्षद एवम पूर्व नगर पंचायत अध्यक्षा पुस्पा चौधरी के रिहायशी मकान से मात्र 30 मीटर की दूरी पर स्थित है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन प्रतिनिधियों को जनता इलाके के विकास के लिए चुनती है उनके यह हाल हैं तो जनता का क्या भला हो सकता है। बड़ी हैरत की बात है कि सरकार की तरफ से सफाई के नाम पर बजट तो भेज दिया जाता है लेकिन उसके बारे सुध लेना सरकार अपना दायित्व नहीं समझती कि बजट का सदुपयोग हुआ या फिर दुरुयोग हुआ है।

सरकार की इस कमजोरी का निचले स्तर के अधिकारियों व प्रतिनिधियों द्वारा खूब चांदी कूटी जाती है। और परेशानी प्रदेश की भोली भाली जनता को झेलनी पड़ती है। जब इस संदर्भ बारे नगर पंचायत के अध्यक्ष राजिंदर कुमार से पूछा तो उन्होंने बताया कि डस्टविनों का अब कोई मतलब नही रहा। हम कूड़े कचरे को सीधे लोगों के घरों से उठाने के सफाई कर्मचारियों को ऑर्डर दे दिए है और रही उल्टे डस्टबिन और गंदगी के ढेर की तो उसे भी कोई सफाई कर्मचारी भेज कर साफ करवा दिया जाएगा।