हिमाचलः मिंजर मेले के मैदान की हालत दयनीय, हर जगह मिलेंगे बस खड्डे ही खड्डे!

हिमाचलः मिंजर मेले के मैदान की हालत दयनीय!

उज्जवल हिमाचल। चंबा
राजस्वीय काल से चला आ रहा मिंजर का मेला आज भी चंबा में बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। करीब 500 वर्षाे का इतिहास लिए इस मिंजर मेले को चंबा के राजा अपनी चंबा की प्रजा के साथ इकट्ठे ही मनाया करते थे पर समय के बदलने के साथ ही यह मिंजर का मेला राजस्वीय काल से होता हुआ अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने लगा है।

चंबा के जिस ऐतिहासिक चौगान में इस मिंजर मेले को मनाया जाता है। उसी जगह पर चंबा के राजा भी इस मेले को भी मनाया करते थे। पर चंबा के राजाओं की सोच और आज के प्रशासन की सोच में बहुत ही गहरा अंतर दिखाई देता है।

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आज के दौर में यह मेला प्रशासन की नजर में एक व्यवसायिक कमाने का साधन बन चुका है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं पर यह बात चंबा के प्रबुद्ध बुद्धिजीवी जोकि इस मिंजर कमेटी के सदस्य भी हैं, वह ही इस बात को सार्वजनिक तौर से लोगों के सम्मुख कह रहे है।

आज इन्होंने चंबा के चौगान का सीना चीरते हुए उन ठेकेदारों को देखा जोकि करोड़ों रुपए के कागज़ के नोटों को देकर धन धनादान बड़े-बड़े मरतोड़ से चौगान में बेशुमार खड्डे किए जा रहे थे। यह प्रक्रिया बंद हो इसको लेकर इन लोगों ने जिला प्रशासन को एक विज्ञापन भी दिया है। अब इस विज्ञापन का क्या असर देखने को मिलता है, यह तो देखने की बात जरूर है।

संवाददाताः शैलेश शर्मा

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