हांगकांग के मुद्दे पर इस देश ने खोला मोर्चा

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

अमेरिकी संसद में प्रस्ताव पारित होने के साथ ही पांच देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए चीन से कहा है कि वह हांगकांग के नागरिक अधिकारों को कम न करें। हांगकांग के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अयोग्य करार देने के लिए बनाए गए नए कानूनों पर भी गंभीर चिंता जताई है। हांगकांग में नागरिक अधिकारों के हनन के मामलों पर अमेरिका सहित पांच देशों ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अमेरिकी संसद ने तो इसको लेकर बीजिंग की निंदा वाला प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया। साथ ही चेताया है कि अगर चीन ने हांगकांग में लोगों के अधिकारों पर हमले बंद नहीं किए तो उसे गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

इस साझा बयान में अमेरिका के साथ ही कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन शामिल हैं। इन पांच देशों ने हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने और सितंबर माह में विधान परिषद के चुनाव स्थगित किए जाने को भी स्वायत्तता, अधिकारों और स्वतंत्रता को कम करना बताया है। अमेरिकी संसद में हांगकांग को लेकर प्रस्ताव पारित करने के दौरान सांसदों ने चीन पर तीखे हमले किए। उन्होंने सलाह दी कि इस संबंध में अमेरिका को अपने सहयोगी देशों से बात करनी चाहिए और चीन की मौलिक अधिकारों को कुचलने की कोशिशों पर लगाम लगानी चाहिए।

अमेरिकी संसद ने सर्वसम्मति से एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित करते हुए तिब्बत की वास्तविक स्वायत्तता और 14 वें दलाई लामा द्वारा वैश्विक शांति, सौहार्द और तालमेल के महत्व के लिए किए जा रहे कार्यों को मान्यता दी है। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा के इस प्रस्ताव में तिब्बत के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को पहचान दिए जाने के साथ ही संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का भी उल्लेख किया गया है। अमेरिकी संसद में कहा गया कि तिब्बत के लोगों की इच्छाओं, मानवाधिकारों और स्वतंत्रता के साथ ही उनकी धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषाई और राष्ट्रीय पहचान के अंतरराष्ट्रीय संरक्षण को हम प्रस्ताव के माध्यम से समर्थन देते हैं।

तिब्बत और पूरे विश्व में साठ लाख से ज्यादा तिब्बती हैं। प्रस्ताव के दौरान सांसद और विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष इलियट एंजल ने कहा कि चीन की सरकार स्वायत्त तिब्बत क्षेत्र में अमेरिका के राजनयिक, अधिकारियों, पत्रकारों और पर्यटकों का जाना नियोजित तरीके से अवरुद्ध कर रही है। लोकतंत्र समर्थकों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस की ज्यादती के संबंध में यहां की हाइकोर्ट में दायर एक याचिका में सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है।

अदालत ने पुलिस के खिलाफ आने वाली शिकायतों के लिए नई व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत बताई है। अदालत ने यह भी माना है कि मौजूदा व्यवस्था में पुलिस नागरिकों के अधिकारों को बनाए रखने में असफल साबित हुई है। इस संबंध में हांगकांग के पत्रकार संगठन ने अदालत में याचिका दायर करते हुए प्रदर्शन के दौरान ज्यादती होने की न्यायिक जांच की भी मांग की है।