पार्टी सिंबल पर होंगे नगर निगमों के चुनाव, ओबीसी को मिलेगा आरक्षण

जयराम सरकार का बड़ा फैसला, एमसी एक्ट-1994 और एमसी इलेक्शन रूल 2012 में होगा संशोधन

आरपी नेगी। शिमला

प्रदेश की जयराम सरकार ने नगर निगमों के चुनाव पार्टी सिंबल पर करवाने का बड़ा फैसला किया है। राज्य मंत्रिमंडल की हुई बैठक में सरकार ने हिमाचल प्रदेश नगर निगम एक्ट-1994 और हिमाचल प्रदेश नगर निगम इलेक्शन रूल-2012 में संशोधन कर चुनाव पार्टी सिंबल पर करवाने का निर्णय लिया है। ऐसे में अप्रैल महीने में होने वाले चार नगर निगमों के चुनाव पार्टी सिंबल पर होगा। हिमाचल प्रदेश में सत्ता का सेमीफाइनल इस साल अप्रैल में होना है। यानी अगले साल होने वाल ेविधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश के चार नगर निगमों में इलेक्शन होने हैं।

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हालांकि नगर निगम धर्मशाला का चुनाव मई महीने में तय हैं, लेकिन राज्य के तीन नए नगर निगमों के चुनाव भी धर्मशाला के साथ ही होने हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले चार नगर निगमों के चुनाव को काफी अहम माना जा रहा है। ऐसे में अब अगले एक महीने बाद धर्मशाला, सोलन, मंडी और पालमपुर नगरनिगम के चुनाव तय हैं। राज्यनिर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक नगर निगम धर्मशाला का कार्यकाल 9 अप्रैल को पूरा होने जा रहा है। इसके मद्देनजर राज्यनिर्वाचन आयोग धर्मशाला के साथ-साथ तीनों नए नगरनिगमों के चुनाव भी एक साथ करवाने की तैयारी में हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक नगर निगम धर्मशाला में 24 वार्ड हैं, जबकि सोलन 17, मंडी 17 और पालमपुर के लिए 18 वार्ड तय किए हैं। आने वाले समय में वार्डों की संख्या में बढ़ोतरी भी हो सकती है।

1997 और 2012 के बाद नहीं हुए पार्टी सिंबल पर चुनाव

नगर निगम शिमला का चुनाव 1997 और 2012 में पार्टी सिंबल पर हुए थे। मई 2012 में यहां महापौर और उपमहापौर के चुनाव प्रत्यक्ष तरीके से हुए और माकपा को जीतमिली थी। उसके बाद प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नगरनिगम एक्ट में संशोधन चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके औरबिना पार्टी सिंबल पर करवाने का फैसलाकिया था। उसके बाद धर्मशाला नगरनिगम के चुनाव भी बिना पार्टी सिंबल के हुए। राज्य सरकार अब नगर निगम के चुनाव पार्टी सिंबल पर करवाने के पक्ष में हैं। एमसी शिमला का चुनाव जून 2022 को तय है।

कांग्रेस-भाजपा की अगली परीक्षा भी शुरू

प्रदेश के चार नगर निगमों के चुनाव कांग्रेस और भाजपा के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सत्तासीन पार्टी यानी भाजपा इन चुनावों में अपना कब्जा जमाना चाहती है। सोलन, मंडी और पालमपुर में पहली बार चुनाव होने वाले हैं, जबकि धर्मशाला नगरनिगम का दूसरा चुनाव होगा। ऐसे में जाहिर है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों इन चुनावों को हल्के में नहीं लेगी। हाल ही में पंचायतीराज चुनाव संपन्न हुए और दोनों दलों ने अपनी-अपनी दावेदारी जताई है।