नगरोटा बगवां से शिमला जा रही HRTC बस का बीच राह फूला ‘दम’, सवारियां हुईं परेशान

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश कुदरत के खूबसूरत नजारों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। लेकिन यहां की सड़कें भी उसी हिसाब से बनी हैं। हर साल यहां सैकड़ों हादसे होते हैं। जिसमें कई घरों के चिराग हमेशा-हमेशा के लिए बुझ जाते हैं। लेकिन उन परिवारों का दर्द ना तो सरकार और ना ही आम लोग समझ पाते हैं।

इन हादसों के लिए हर बार चालक की गलती नहीं होती कहीं ना कहीं सरकारी बसें भी इसकी जिम्मेवार हैं। बात की जाए तो प्रदेश की राजधानी शिमला के लिए इन दिनों सड़कों पर सरकारी खटारा बसें दौड़ाई जा रही हैं। जो सवारियों को आधे रास्ते में ही छोड़ देती है। क्योंकि ये खटारा बसें रास्ते में ही खराब हो जाती हैं। हिमाचल की अधिकतर सड़कों पर हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा ऐसी ही पुरानी बसें चलाई जा रही हैं। इन बसों में सवार यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता हैं। क्योंकि किसी को स्कूल तो किसी को सरकारी कार्यालय जाना होता है। लेकिन बस खराब होने से वो लोग अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाते….

ऐसा ही वाक्या आज नगरोटा बगवां से शिमला जा रही नगरोटा डिपो की एचआरटीसी बस के साथ पेश आया, जो कि  बीच रास्ते में ही रानीताल में हांफ गई। इस वजह से बस में सवार सवारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ये बस बद्दी-नालागढ़-सोलन के रास्ते नगरोटा बगवां से शिमला जा रही थी। लोगों का कहना है कि किराया अदा करने के बावजूद एचआरटीसी की खटारा बसें उन्हें गंतव्य तक नहीं पहुंचा पा रही हैं। उन्होंने आरएम से इस प्रकार की खटारा बसों को विभिन्न रूटों पर मरम्मत के बाद ही भेजने की मांग उठाई है।

ऐसा पहली बार नहीं है कि शिमला के रूटों पर एचआरटीसी की बस बीच रास्ते में हांफ गई है। इस तरह के मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं। लेकिन एचआरटीसी प्रबंधन खटारा हो चुकी बसों को लगातार रूटों पर भेज रहा है। इसकी वजह से बसें बीच रास्ते में खराब हो जाती हैं। यात्रियों को कई बार बीस रास्ते से टैक्सियों में गंतव्य की ओर जाना पड़ता है।

एचआरटीसी प्रबंधन को इसके बारे में सोचना चाहिए और सभी बसों को रूट पर जाने से पहले उनकी वर्कशॉप में चेक किया जाना चाहिए। यात्रियों के मुताबिक मुताबिक एचआरटीसी की बसों में आए दिन तकनीकी खराबी पेश आती रहती है। जिसका खामियाजा लोगों को ही उठाना पड़ता है।