हिमाचल के नौ जिलों में करोड़ों की वन संपदा हो रही राख

उज्जबल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

गर्मी की शुरुआत में ही पारा चढ़ने पर हिमाचल प्रदेश के जंगल धधकने लगे हैं। किन्नौर, लाहौल-स्पीति और चंबा को छोड़कर अन्य नौ जिलों में पिछले एक सप्ताह से करीब 80 जंगलों में आग लगने की घटनाएं आ रही हैं। राजधानी शिमला और सिरमौर में पांच दिनों से जंगल सुलग रहे हैं। अब तक सैकड़ों हेक्टेयर जंगलों में करोड़ों की वन संपदा राख हो चुकी है। बीते साल लॉकडाउन के चलते बढ़ा हरित आवरण अब आग की भेंट चढ़ रहा है। प्रदेश सरकार भले ही जंगलों पर ड्रोन से निगरानी रखने और हेलीकाप्टर से आग बुझाने के दावे करती रही हो, लेकिन अभी तक धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रहा है।सिरमौर जिले में पिछले चार-पांच दिनों के दौरान 20 से अधिक स्थानों पर जंगलों में आग लगी। पांवटा क्षेत्र में बिजली की स्पार्किंग से गेहूं के खेत राख के ढेर में तब्दील हो गए। कई बीघा भूमि में गेहूं की फसल तबाह हो गई है। संगड़ाह के जंगल रविवार सुबह तक सुलगते रहे। बिलासपुर के बैरी के ब्रांस जंगल में पिछले तीन दिन से आग लगी हुई है, जिस पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है। यहां चार जंगलों में आग लग चुकी है। कांगड़ा में फायर सीजन में 14 घटनाओं में 70 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं। सोलन के बीबीएन में एक दर्जन क्षेत्रों में 30 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ चुके हैं। हमीरपुर जिले में एक सप्ताह के भीतर 14 जंगल जलकर राख हो गए हैं।