निर्बलों व असहायों की सेवा के लिए समर्पित करना चाहता हूं जीवन: कैप्टन संजय

-पराशर ने लग बलियाणा में आयोजित किया 31वां महायज्ञ

उज्जवल हिमाचल। परागपुर

कैप्टन संजय ने कहा है कि वह समाज में निर्बलों व असहायों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं। जसवां-परागपुर क्षेत्र में शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य के नाम पर बहुत कुछ होना शेष है, ऐसे में उन्होंने संकल्प लिया है कि जब तक क्षेत्र की इन मुद्दों का कोई समाधान नहीं हो जाता, वह चैन से नहीं बैठेंगे।

मंगलवार को क्षेत्र की लग बलियाणा पंचायत में आयोजित 31वें महायज्ञ में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए पराशर ने कहा कि सिद्ध बाबा बालक नाथ की अपार व असीम कृपा से ही वह सामाजिक सरोकार निभा रहे हैं। इन कार्यों में स्थानीय वासियों का भी अपार सहयोग, स्नेह व समर्थन मिला है।

संजय पराशर ने कहा कि जसवां-परागपुर क्षेत्र के हर गांव की अपनी-अपनी अलग समस्याएं हैं। लेकिन पेयजल की किल्लत, शिक्षण संस्थानों में कम स्टाफ व अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव, स्वास्थ्य सेवाओं की चिंताजनक स्थिति और संपर्क मार्गों की दुर्दशा जैसे कई ऐसी दिक्कतें भी हैं, जो हर पंचायत में देखने को मिल जाती हैं।

कहा कि कई गांवों में पहुंचने के लिए आज तक रास्तों का निर्माण ही नहीं हो पाया है तो समझा जा सकता है कि क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वालों ने कितनी गंभीरता से स्थानीय मुद्दों को समझा होगा। लग ठाकरां और बलियाणा गांव की कई बस्तियों में एंबुलेंस रोड़ की दरकार है। पराशर ने कहा कि लग बलियाणा पंचायत की समस्याओं के समाधान के लिए अभी लंबा सफर तय करना है।

पंचायत के दो वार्ड में पेयजल की समस्या निरंतर बनी रहती है तो गर्मी के मौसम मे गांववासी पानी के लिए परेशान रहते हैं। स्थानीय सरकारी स्कूल में साइंस विषय का इंतजार आज तक विद्यार्थी कर रहे हैं।

खेल मैदान के लिए गांव में पर्याप्त जगह तो मौजूद है, लेकिन इसे कब बनाया जाएगा और खेल गतिविधियों का सामान युवाओं को कब उपलब्ध करवाया जाएगा, इस सवाल का जबाव भी अभी तक नहीं मिल पाया है। आयुर्वेदिक औषधालय में पंचकर्मा पद्धति से इलाज की सुविधा होनी चाहिए लेकिन इस बारे में किसी का ध्यान नहीं गया है। संजय ने कहा कि बेसहारा पशुओं की समस्या से भी गांव के किसान परेशान हैं।

यह समस्याएं ऐसी नहीं है कि इनके समाधान में दशकों का समय बीत जाए, लेकिन अगर दृढ़ इच्छाशक्ति व विजन के साथ काम किया होता तो आज बेशक लग बलियाणा पंचायत की गिनती मॉडल गांवों में दर्ज होती। पराशर ने कहा कि राजनीति समाज की सेवा के लिए होनी चाहिए, न कि स्वयं सेवा के लिए। कहा कि मौजूदा दौर में राजनीति करनेवालों के प्रति लोगों का नजरिया बदला-बदला नजर आता है।

यह मिथक सा बन गया है कि पैसा बनाने के मकसद से लोग राजनीति करने आते हैं। पराशर ने कहा कि वह राजनीति के आंगन में जन सेवा की भावना लेकर आए हैं और सामाजिक सरोकारों को निभा रहे हैं और भविष्य में भी जनसेवा के मेले यूं ही लगते रहेंगे। लग बलियाणा के महायज्ञ में क्षेत्र के दो सौ से ज्यादा परिवारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

इस अवसर पर पूर्व प्रधान सेवानिवृत मेजर जसवंत सिंह, कुलदीप, गुरमेल, मस्त राम, अपराजित ठाकुर, रमेश चंद, राजेन्द्र कुमार, अशोक, मस्तान सिंह, विमला देवी, अंजना कुमारी, ललिता, सुलोचना देवी और बबिता ठाकुर भी मौजूद रहे।