स्वास्थ्य अनुबंध कर्मचारियों के लिए नहीं बनाई स्थाई नीति तो होगा विरोध प्रदर्शन : राज महाजन

उज्जवल हिमाचल। हमीरपुर

स्वास्थ्य समिति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अनुबंध कर्मचारी संघ हमीरपुर के जिला प्रैस प्रवक्ता राज महाजन जारी प्रेस बयान में बताया कि हाल ही में स्वास्थ्य समिति अनुबंध कर्मचारी संघ हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को कर्मचारियों के नियमतिकरण की स्थायी नीति हेतु 25 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया है, अगर प्रदेश सरकार गणतंत्र दिवस को इन कर्मचारियों के लिए कोई सकारात्मक निणय ले लेती है तो ये कर्मचारी तहे दिल से सरकार का आभार व्यक्त करेंगे, अगर सरकार इन कर्मचारियों की मांग को पूरा नहीं करती है तो ये कर्मचारी 27 जनवरी से काले बिल्ले लगाकर विरोध जाहिर करेंगे एवं 2 फरवरी से एक दिन की सांकेतिक हड़ताल शुरू कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयारी कर चुके हैं, उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों ने आज तक बहुत कम वेतन पर भी ईमानदारी से अपना कार्य किया है और स्वास्थ्य विभाग एवं सरकार को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर कई बार बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरष्कृत भी करवाया है, बाबजूद इसके कर्मचारियों की अनदेखी न्यायसंगत नहीं है।

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण विभाग के तत्वावधान में राज्य स्वास्थ्य समिति एनएचएम् के अंतर्गत सन 1996 से कुष्ठ रोग कार्यक्रम से शुरुआत हुई और सन 1998 से क्षय रोग कार्यक्रम के अंतर्गत कर्मचारियों की नियुक्तियां हुईं और आज दिन तक हिमाचल प्रदेश में विभिन कार्यक्रमों जिनमें कुष्ठ रोग, क्षय रोग, एचआईवी एड्स राष्ट्रिय शिशु वाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, आरसी एच, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम कायाकल्प कार्यक्रम, किशोरावस्था स्वास्थ्य, जिला रोगी कल्याण समिति, रैडक्रौस सोसाइटी जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के अन्तर्गत, हिमाचल प्रदेश में विभिन्न पदों जिनमें डॉक्टर, कायाकल्प कार्यक्रम अधिकारी, कायाकल्प कार्यक्रम सहायक, फार्मासिस्ट, वरिष्ठ क्षय रोग पर्यवेक्षक, वरिष्ठ क्षय रोग लैब पर्यवेक्षक, ड्राईवर, लैब तकनीशियन, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, लेखाकार, विभिन्न कार्यक्रम समन्वयक, स्टाफ नर्स, डाटा एंट्री ऑपरेटर, टीबी हेल्थ विजिटर, जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कर्मचारी नियुक्त हैं जिनको अपनी सेवाएं देते हुए लगभग 23 वर्ष हो गए हैं इनकी संख्या लगभग 1600 के करीब है। उन्होंने बताया कि इनमें से कई कर्मचारी सेवानिवृत भी हो चुके हैं व सेवाकाल के दौरान 4 कर्मचारियों की मृत्यु भी हिमाचल प्रदेश में हो चुकी है जो कर्मचारी सेवानिवृत हुए इन कर्मचारियों को कोई का लाभ भी नहीं दिया गया।

उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार पिछले 23 वर्षों से कोई भी स्थाई निति बनाने में नाकाम रही है जिसका खमियाजा हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत अन्य विभागों में नियुक्त कर्मचारियों के लिए समय-समय पर रोगी कल्याण समिति, सर्व शिक्षा अभियान, के कर्मचारियों के लिए तो स्थाई निति वना दी गई। परन्तु राज्य स्वास्थ्य समिति एनएचएम् के विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत नियुक्त कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया। उन्होंने बताया कि मार्च 2016 में हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक अधिसूचना तक जारी कर दी थी परन्तु वहां पर भी इन कर्मचारिययों को नजरंदाज किया गया। स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण विभाग हिमाचल प्रदेश में हजारों पद खाली हैं जिनमें हमारे कर्मचारीयों को मर्ज कर भरा जा सकता है जबकि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में भी इन कर्मचारियों ने जान की परवाह किये बिना टैस्टिंग एवं वैक्सीनेशन में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, अगर सरकार चाहे तो इन कर्मचारीयों को खाली पदों पर मर्ज कर सकती है। उन्होंने बताया कि जब हरियाणा, राजस्थान, मणिपुर, मिज़ोरुम, आंध्रप्रदेश, सिक्किम जैसे राज्यों ने समिति कर्मचारियों के लिए स्थाई निति वना दी है तो हिमाचल प्रदेश सरकार का रवैया इन कर्मचारियों के साथ सुस्त क्यों है।

उन्होंने बताया कि हालांकि एक दो दिन पहले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री आदरणीय राजीव सहजल की तरफ से एक ब्यान जारी हुआ है कि प्रदेश सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्य कर रहे कर्मचारियों के लिए सकारात्मक निणय लेने के लिए विचार कर रही है, पर संघ के किसी भी पदाधिकारी को अभी वार्ता के लिए सरकार द्वारा नहीं बुलाया गया है, हालांकि प्रिंट एवं इलक्ट्रोनिक मीडिया के द्वारा लगभग हर जिले से खबर लग रही है और सरकार को बार बार जिलाधीशों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से अवगत करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पता नहीं सरकार इन कर्मचारियों के लिए सकारात्मक कदम क्यों नहीं उठा रही, हालांकि कई राज्यों ने इन कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाकर इन कर्मचारियों के हितैषी होने का सपष्ट संकेत दे दिए है उन्होंने बताया कि हाल ही में संघ की तरफ से चिकित्सक संघ हिमाचल प्रदेश के राज्य महासचिव डाॅ. पुष्पेन्द्र वर्मा को भी सांकेतिक हड़ताल के बारे में अवगत करवाया है।