ऑनलाइन टीचिंग के मद्देनजर “आप” के दिए सुझाव को सरकार ने दिया महत्व

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

आम आदमी पार्टी, हिमाचल इकाई ने पार्टी द्वारा गरीब तबके के बच्चों को मोबाइल फोन की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रस्तुत सुझाव को महत्व देने के लिए प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार का धन्यवाद किया है। विगत 4 जून को आम आदमी पार्टी का आधिकारिक बयान प्रिंट मीडिया में प्रकाशित हो चुका है, जिसमें सूबे में चल रही ऑनलाइन शिक्षा की बेहतरी के लिए कुछ सुझाव दिए गए थे। पिछले डेढ़ वर्ष से राज्य के शिक्षक अपने विद्यालय के प्रमुखों के मार्गदर्शन व दिशा-निर्देशों के तहत अपने जेब खर्च पर से ऑनलाइन टीचिंग देने का हर संभव प्रयास कर रहे थे, परंतु प्रदेश में डिजिटल डिवाइड यानि असमानता के चलते बहुत से निर्धन छात्रों को उक्त शिक्षा प्राप्त करने में दिक्कतें आ रही थीं।

यह बात आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता व पार्टी के रिटायर्ड टीचर्स विंग के राज्य प्रधान कल्याण भंडारी ने प्रेस विज्ञप्ति में कही। प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर के प्रदेश में डोनेट डिवायस प्रोग्राम के तहत मोबाइल फोन वितरण संबंधित दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार के इस निर्णय का स्वागत करती है, परंतु “डोनेट डिवायस प्रोग्राम” लांच करने वाले निर्णय पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। ऐसे में अभी भी असमंजस की स्थिति व्याप्त है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से कोसों दूर भाग कर एक बार फिर आम लोगों को राम भरोसे छोड़ रही है।

राज्य प्रधान ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए जोरदार तरीके से मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को “शिक्षा के अधिकार अधिनियम-2009″ के तहत मोबाइल फोन वितरित करे। उक्त अधिनियम में निःशुल्क शिक्षा की अनिवार्यता को सुनिश्चित करने का प्रावधान है। अब जबकि कोरोना काल में सब कुछ बदल रहा है, तो एंड्रॉयड फोन उपलब्ध करा इस अधिनियम की पालना की जा सकती है। इसी तरह कक्षा नवमीं से 12वीं तक के आर्थिक रूप से असमर्थ विद्यार्थियों को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान” तथा कॉलेज स्तर के छात्रों को “राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान” के अंतर्गत डिजिटल डिवायस मुहैया कराने का काम किया जाए।

सरकार का यह कहना कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 10 फीसदी बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है, सन्देहास्पद है। यह संख्या इससे कहीं अधिक है। भंडारी ने कहा कि सरकार पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ इस दिशा में आगे बढे़ और केवल हेडलाइंस निर्माण तक ही सीमित न हो। क्योंकि वर्तमान सरकार सत्र 2018-19 व 2019-20 के 10000 से अधिक मेधावियों को अभी तक भी लैपटॉप प्रदान करने में असमर्थ रही है।

साथ ही राज्य सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए प्रदेश के आठ लाख से अधिक स्कूली बच्चों को निःशुल्क वर्दियां का वितरण न कर घोर अन्याय किया है, जिसके करोड़ों रुपए का हिसाब राज्य की जनता जनार्दन जानना चाहती है। कल्याण भंडारी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शायद जय राम सरकार 2022 के विधानसभा चुनावों में मुफ्त स्मार्ट फोन देने का चुनावी वायदा करने की फिराक में है।