टेट को उम्र भर मान्य करने की तैयारी, कैबिनेट में जाएगा प्रस्ताव

अभी सिर्फ सात साल के लिए है मान्य

उज्जवल हिमाचल। शिमला

लंबे समय से पशोपेश में चल रहे हजारों टीजीटी, जेबीटी व स्कूल प्रवक्ताओं को सात साल के बाद टेट करने से छुटकारा मिल सकता है। एक बार पास हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा (टेट) को उम्र भर के लिए मान्य करने का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में जाएगा। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में बड़ा बदलाव किया है। अभी सात वर्ष के लिए टेट पास उम्मीदवार नौकरी के लिए पात्र थे। केंद्र से मिली छूट के बाद अब बार-बार टेट पास नहीं करना पड़ेगा। इसे हिमाचल में लागू करने को मंत्रिमंडल की मंजूरी लेना जरूरी है। ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारी आगामी मंत्रिमंडल बैठक के लिए प्रस्ताव बनाने में जुटे हैं। एनसीटीई की ओर से नियमों में किया गया बदलाव केंद्र के साथ राज्यों में भी लागू होगा। केंद्र और राज्य एनसीटीई नियमों से टेट करवाते हैं। केंद्र के लिए सीबीएसई और राज्य अपनी परीक्षा खुद करवाते हैं।

  • एनसीटीई बैठक में टेट के नियमों में बदलाव को मंजूरी

पिछले दिनों हुई एनसीटीई की बैठक में टेट के नियमों में बदलाव को मंजूरी दी गई है। सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने को टेट पास करना अनिवार्य है। नए नियम में एक बार परीक्षा पास करने पर उम्र भर के लिए पात्रता मिलेगी। सरकार के इस फैसले का सबसे अधिक लाभ महिलाओं को होगा। दरअसल, शादी और बच्चों के चलते वे नौकरी छोड़ देती थीं। अब दोबारा आसानी से नौकरी पा सकेंगी। नई शिक्षा नीति लागू होते ही शिक्षक बनने को टेट पास करना सभी के लिए अनिवार्य हो गया है। स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टेट पास ही आवेदन कर सकेंगे। हिमाचल में अभी तक जेबीटी और टीजीटी बनने के लिए टेट पास होना जरूरी था। नई नीति लागू होने के बाद स्कूल प्रवक्ता न्यू के लिए भी यह नियम लागू होगा। हिमाचल में जेबीटी और टीजीटी की भर्ती कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर और स्कूल प्रवक्ता न्यू की भर्ती लोकसेवा आयोग करता है।