चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टरों ने मासूम को दी नई जिंदगी

16 माह की बच्ची के ब्रेन ट्यूमर का नाक के जरिए सफल ऑपरेशन

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टरों ने 16 माह की बच्ची के ब्रेन ट्यूमर का नाक के जरिए सफल ऑपरेशन कर एक नया कीर्तिमान बनाया है। इससे पहले इस तरह की सर्जरी करने का श्रेय यूएसए के डॉक्टरों के नाम था, जिन्होंने 2019 में दो साल के बच्चे के ब्रेन ट्यूमर का नाक के जरिए सफल ऑपरेशन किया था। अब पीजीआई के डॉक्टरों ने 16 माह की बच्ची का ऑपरेशन कर इस रिकार्ड को तोड़ दिया है। बच्ची का सफल ऑपरेशन करने वाले पीजीआई के डॉक्टरों का कहना है कि ट्यूमर का साइज तीन सेंटीमीटर का था, जो काफी बड़ा माना जाता है। सर्जरी करने वाली टीम के प्रमुख और न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. एसएस ढंडापानी ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के केस में नाक के जरिए बच्चों की सर्जरी करना बहुत कठिन होता है। बच्चों की नाक छोटी होती है और सर्जरी के दौरान तमाम तरह की परेशानी होने की आशंका रहती है इसलिए ज्यादातर मामलों में सिर को खोलकर सर्जरी की जाती है लेकिन ऐसी स्थिति में सर्जरी के कारण ब्रेन पर दुष्प्रभाव पडऩे का खतरा भी रहता है।

इंडोनेशल इंडोस्कोपिक तकनीक से की गई सर्जरी

डॉ. ढंडापानी ने बताया कि 16 माह की बच्ची की स्थिति बेहद गंभीर थी। उसे तत्काल सर्जरी की जरूरत थी लेकिन उसकी कम उम्र होने के कारण नाक से सर्जरी करने के बारे में निर्णय नहीं ले पा रहे थे। फिर हमारी टीम ने उपकरणों के जरिए नेविगेशन करके इंडोनेशल इंडोस्कोपिक तकनीक से सर्जरी करने की तैयारी की। इस तकनीक के जरिए बच्ची की नाक से ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी बिना उसके ब्रेन को प्रभावित किए की गई।

इस जटिल सर्जरी को करने में पीजीआई के डॉक्टरों की टीम को 6 घंटे का समय लगा। सर्जरी करने वाली टीम में पीजीआई न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. एसएस ढंडापानी व डॉ. सुशांत और ईएनटी विभाग की डॉ. रिजुनिता शामिल थे। डॉ. ढंडापानी ने बताया कि उस बच्ची की सर्जरी 12 दिन पहले की गई थी। उस दौरान ब्रेन ट्यूमर के असर के कारण वह देखने की क्षमता खो चुकी थी लेकिन सर्जरी के बाद वह दोबारा देखने लगी है और वह पूरी तरह स्वस्थ है।