प्रदेश के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है जीवनधारा

दुर्गम क्षेत्रों में लोगों को घर-द्वार पर मिल रहीं स्वास्थ्य सुविधाएं

उज्जवल हिमाचल। शिमला

राज्य सरकार प्रदेश के लोगों को एक समान, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के दूर-दराज, दुर्गम और सुविधाओं के अभाव वाले क्षेत्रों के लोगों को घर-द्वार पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा मोबाइल प्राथमिक स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जीवनधारा हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य की प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 18 नवंबर को इस सेवा का शुभारंभ किया था। जीवनधारा के माध्यम से लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा परामर्श, नि:शुल्क दवाई तथा हाइपरटेंशन, मधुमेह व कैंसर जैसी बीमारियों की जांच चिकित्सा अधिकारी द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है। जीवनधारा के माध्यम से नियमित प्रसवपूर्व जांच के अतिरिक्त स्वास्थ्य से जुड़ी सूचना, शिक्षा और संप्रेषण सत्र आयोजित करवाए जाते हैं। जीवनधारा का उपयोग प्राकृतिक और मानव सृजित आपदाओं, महामारी जैसे कोविड-19 से प्रभावित लोगों को सेवा प्रदान करने में किया जा रहा है। प्रदेश के कांगड़ा, मंडी, शिमला, चंबा, कुल्लू, सिरमौर और सोलन जिलों में 10 जीवनधारा वैन अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। जीवनधारा के तहत राज्य में जून 2021 तक 955 शिविर लगाए जा चुके हैं। इसके तहत अब तक 32 हजार 569 ओपीडी जांच तथा 17 हजार 778 लैब जांच किए गए हैं। कोविड-19 की बदलती परिस्थितियों के चलते सभी 10 जीवनधारा को रैपिड एंटीजन टेस्टिंग के लिए तैनात किए गए है। जीवनधारा के अन्तर्गत 11 मई, 2021 से 7 जुलाई, 2021 तक राज्य के विभिन्न सात जिलों में 12 हजार 140 जांच किए गए है। इस अवधि में जिला चंबा में 672 जांच, कांगड़ा मेें 1 हजार 652, कुल्लू में 1 हजार 668 जांच, मण्डी में 2 हजार 562 जांच, शिमला में 1 हजार 803 जांच, सोलन में 2 हजार 719 तथा सिरमौर में 1 हजार 64 जांच की जा चुकी है। जीवनधारा मोबाइल स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र प्रदेश के लोगों को चिकित्सा परामर्श तथा सेवाएं प्रदान करने के साथ स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में महत्त्चवपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।