कोरोना काल में इंसान ही इंसान के काम आया, भेदभाव छोड़कर आगे बढ़ने की जरूरत: डाॅ. राजेश शर्मा

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

बाला जी अस्पताल के एमडी डॉ राजेश शर्मा ने आज अस्पताल परिसर में काँगड़ा, देहरा, परागपुर, ज्वालाजी, धर्मशाला, नगरोटा बगवा, शाहपुर से आए सैकड़ों लोगों साथ मित्र मिलन कार्यक्रम माध्यम से अपने विचार रखते हुए राजेश शर्मा ने कहां कि पिछले लगभग 20 माह हम हम लोग एक दूसरे कोरोना बीमारी कारण मिल नही पाए, लेकिन अब एक बार समय साथ चलने का आ गया है बुरे वक़्त को भुल कर हमें आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहां कि बतौर चिकित्सक मुझे ये सोचकर भी आज सिहरन पैदा हो जाती है कि वो कौन सी घड़ी थी जब हम ही अपने मरीजों को छूने से कतराने लगे थे, अपने-अपनों को उस वक़्त छूना तो दूर बल्कि देखने तक के लिये लाचार और असहाय महसूस करने लगे थे, आज हालांकि वक़्त बदल गया है मगर एक सबक हम सबको सिखा गया है, कि कुछ भी हो, धर्म-जाति कोई भी हो, समुदाय, राजनीतिक संगठन, सामाजिक पार्टियां भी भला कोई भी क्यों न हों, सिर्फ़ इंसान ही इंसान के काम आ सकता है।

इंसान की बनाई हुई दकियानूसी सोच उस वक़्त धरातल पर टैं-टैं फिस हो जाती है जब सामने ज़िन्दगी और मौत के बीच में जद्दोजहद हो रही होती है। और ये हक़ीक़त हम सब ने बीते दो सालों में देखी भी है और महसूस भी की है। कोरोना की वजह से हम बीते दो सालों में न तो किसी से खुलकर मिल पाए हैं और न ही किसी के साथ बैठने का मौका मिल पाया है, बावजूद इसके आज महसूस हो रहा है कि न जाने कौन सा पल किसका आख़िरी हो इसलिये हमें फिर से एकसाथ बैठकर उन पुरानी यादों को खट्टी-मीठी चर्चाओं को शुरू कर देना चाहिए। इस मौक़े पर उन्होंने उपस्थित लोगों से कोविडकाल में लोगों की और किस तरह से सहायता कर सकते हैं ये सुझाव भी लिए। उन्होंने कहां कि आज वैसे भी बहुत मुश्किल हालात हैं एक तो कोरोना की वजह से लोग बेरोजगार हो गये हैं दूसरा मंहगाई है तो ऐसे में क्या ऐसा किया जाये कि बेरोजगार युवा अपने सपनों को भी पूरा कर सके।यह हमारे लिए सबसे बड़ी चुनोती है।

उन्होंने कहां कि असहाय और लाचार लोगों का कैसे सहयोग किया जा सकता है, सरकार की योजनाएं बहुत हैं मगर लोग जागरूक नहीं हैं तो उन्हें जागरूक भी किया जा सकता हैए इसके लिये आपके सुझाब के साथ सहयोग की ज़रूरत है। उन्होंने कहाँ कि आज इंसानियत को बचाना बहुत जरूरी हैए लोगों को इस ओर प्रेरित करना होगा ओर हमें कुछ कदम उठाने होंगे इसके लिए क्या सम्भव हो सकता है ताकि जो कोरोनकाल में हुआ वो आगे न हो। मित्र सम्मेलन में मंच संचालन सुदेश सहोंतरा ने किया। जिन्होंने अपने संचालन के साथ-साथ लोगो का भरपूर मनोरंजन किया और समां बान्दा इस मौक़े पर उपस्थित लोगों द्वारा भी सुझाब दिए गये।