मजदूर मौत मामले की उमंग फाउंडेशन ने मानवाधिकार आयोग से की शिकायत

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

रक्षा मंत्रालय की सड़क निर्माण कंपनी ग्रेफ की लापरवाही से मजदूर की मौत के मामले में उमंग फाउंडेशन ने राज्य मानव अधिकार आयोग से शिकायत की है। सुन्नी तहसील में 10 दिसंबर को इस हादसे में 2 मजदूर जख्मी भी हुए थे। उमंग फाउंडेशन के ट्रस्टी विनोद योगाचार्य ने हिमाचल प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष को भेजी शिकायत में मामले की जांच कराने और मृतक के परिवारों और घायल मजदूरों को मुआवजा दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा है की दोषी अधिकारियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया जाना चाहिए।

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उन्होंने शिकायत में कहा है कि सुन्नी तहसील के स्वां क्यार (नौटी खड्ड) सीमा सड़क संगठन से संबंधित ग्रेफ कंपनी के मजदूर भू-स्खलन संभावित क्षेत्र में डंगा लगा रहे थे। उसी समय भू-स्खलन होने से तीन मजदूर मलबे में दब गए। इन्हें खतरनाक काम के दौरान सुरक्षा के कोई उपकरण नहीं दिए गए थे। यहां तक कि उनके पास हेलमेट भी नहीं थे। इनमें से एक मजदूर भगत राम पुत्र हरिराम निवासी तहसील सुन्नी की मृत्यु हो गई। दो घायल मजदूरों आदम चंद और बंसीलाल का इलाज चल रहा है। विनोद योगाचार्य ने कहा कि रक्षा मंत्रालय से संबंधित सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) जैसे जिम्मेदार विभाग की कंपनी ग्रेफ के अधिकारियों की यह आपराधिक लापरवाही गरीब मजदूरों पर बहुत भारी पड़ रही है।

उन्होंने मानवाधिकार आयोग से मामले की जांच, केस दर्ज कराने और संबंधित मजदूरों को पर्याप्त मुआवजा दिलाने की मांग की है। उनका कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर जाने वाली रणनीतिक महत्व की सड़कों को बनाने और मरम्मत करने का दायित्व बीआरओ और ग्रेफ का है, लेकिन आपराधिक लापरवाही के कारण ऐसे हादसों में जानी नुकसान भी होता है। भविष्य में इन्हें रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए।