उमेश भारद्वाज। मंडी
हिमाचल प्रदेश में चल रही गौशालाओं (cow shelters) को प्रदेश के प्रमुख मंदिरों के साथ जोड़ा जाएगा। इन प्रमुख मंदिरों की आय का कुछ प्रतिशत गौशालाओं में पल रहे गोवंश पर खर्च किया जाएगा, ताकि अनदेखी के कारण गोवंश की मृत्यु दर को भी कम किया जा सके। यह बात कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने मंडी जिला के पधर में आयोजित जिलास्तरीय किसान मेले के समापन अवसर पर अपने संबोधन के दौरान कहीं।
चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख मंदिरों की आय का 2 से 3 प्रतिशत हिस्सा गौशालाओं पर खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की बचनबधत्ता पशु पालन को प्रदेश में बढ़ावा देने की है। इसके लिए सरकार द्वारा व्यापक योजना बनाई जा रही है। इस दिशा में सरकार और विभाग ने काम करना शुरू कर दिया है। वहीं गाय के प्रसूति होने पर मादा बछड़े का ही जन्म हो इसके लिए टीकाकरण (vaccination) भी किया जा रहा है।
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वहीं उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दूध गंगा योजना प्रदेश में लाई जाएगी जिस पर 500 करोड़ खर्च किए जाएंगे। गांव में जल्द ही दूध कमेटियां बनाई जाएगी। इन कमेटियों में गांव की महिलाओं को पहल की जाएगी। सरकार 80 रुपए किलो गाय का दूध और 100 रुपये किलो भैंस का दूध पशु पालकों से खरीदेंगे। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में स्थापित मिल्क प्लांट को अपग्रेड किया जाएगा। इसके बाद यहां पर आने वाले समय में कई तरह के प्रोडक्ट (Product) बनाकर बाजार में उतारे जाएंगे। हिमाचल प्रदेश का दूध भी अन्य राज्यों की तरह बाजार में बिके इसके लिए भी प्रयास जारी है, ताकि पड़ोसी राज्य से हिमाचल पीछे ना रहे।
इससे पूर्व कृषि एवं पशुपालन मंत्री चन्द्र कुमार ने मंडी के पधर में जारी पांच दिवसीय किसान मेला की अंतिम शोभायात्रा में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। समापन समारोह (closing ceremony) से पूर्व दोनों नेताओं ने आइपीएच रेस्ट हाउस पधर में देव सूत्रधारी ब्रह्मा सहित सभी देवताओं को पूजा अर्चना की और मेला की भव्य अंतिम शोभायात्रा में शामिल हुए। उन्होंने जिलास्तरीय किसान मेला पधर स्मारिका का भी विमोचन किया।
संवाददाताः उमेश भारद्वाज
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