देश के टॉप डॉक्टर्स की अपील: संक्रमण की चेन को तोड़ें, घबराहट में अस्पताल भागने की जरूरत नहीं

डबल मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और साफ-साफई पर ध्यान दे

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

देश में कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीर होती स्थिति के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी काफी दबाव बढ़ चुका है। कई जगहों से ऑक्सीजन और बेड्स की शिकायतें सामने आ रही हैं। संक्रमण की दूसरी लहर में बिगड़ते हालात के बीच देश के टॉप डॉक्टरों ने रविवार को लोगों से अपील की कि वे पैनिक न करें। एम्स दिल्ली डॉ रणदीप गुलेरिया, मेदांता ग्रुप के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहान, भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डॉ सुनील कुमार और एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉ नवीत विग ने रविवार को वर्चुअल मीटिंग के जरिए अस्पतालों में भर्ती होने, ऑक्सीजन की स्थिति को लेकर जानकारी साझा की। डॉ रणदीप गुलेरिया ने लोगों से कहा कि जो मरीज घर पर आइसोलेट हैं और जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से ज्यादा है तो उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर या रेमडेसिविर इंजेक्शन की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर आप इस स्थिति में रेमडेसिविर लेते हैं तो उससे फायदा कम बल्कि नुकसान ज्यादा हो सकता है। सामान्य दवाईयों और घरेलू उपचार से ज्यादातर लोग ठीक हो रहे हैं। अगर ऑक्सीजन सैचुरेशन 94 से नीचे आता है तो ही रेमडेसिविर की जरूरत पड़ती है।

डॉ गुलेरिया ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण एक सामान्य संक्रमण है. 85 से 90 फीसदी लोगों में बुखार, खांसी, सर्दी, शरीर दर्द जैसे सामान्य लक्षण होते हैं. ज्यादातर लोग दवाई लेकर, घरेलू उपचार के जरिए या योग से 7 से 10 दिनों में ठीक हो सकते हैं. सिर्फ 10-15 फीसदी मरीज ही गंभीर होते हैं, उन्हें रेमडेसिविर, ऑक्सीजन या प्लाज्मा की जरूरत पड़ सकती है। अगर सांस से जुड़ी दिक्कत हो रही है तो तुरंत ऑक्सीजन लगाने की जरूरत नहीं है, आप पेट के बल लेटकर सांस की एक्सरसाइज करे। 5 फीसदी से भी कम मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत होती है।

वहीं मेदांता अस्पताल के डॉ नरेश त्रेहन ने लोगों से कहा कि डबल मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और साफ-सफाई पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि कोविड पॉजिटिव आने या इसके लक्षण आने पर घबराहट में अस्पताल भागने की जरूरत नहीं है. आप अपने लोकल डॉक्टर से संपर्क करें, 90 फीसदी से ज्यादा लोग घर में ही ठीक हो जाएंगे.ज्ज् उन्होंने लोगों को योग करने की सलाह देते हुए कहा कि अनुलोम-विलोम प्राणायाम से फेफड़े को लाभ मिलता है।

बाहर से आने पर पहले मास्क हटाएं और कपड़े बदलें

डॉ त्रेहान ने कहा कि जब आक्सीजन लेवल गिरने (94 से नीचे) आने लगे, तभी अस्पताल जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, च्च्शादियों, पार्टियों मे न जाएं. भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहें. जो बाहर काम करने जाते हैं, वो घर आने पर पहले मास्क को दूर करें, कपड़े बदलें और उसके बाद ही अपने घरवालों से मिलें। हम सब आपके सामने आ रहे हैं ताकि आप तथ्यों पर ध्यान दें और पैनिक न हों।
एम्स दिल्ली के मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉ. नवीत विग ने कहा कि अगर हम लोगों को बचाना चाहते हैं तो हमें हेल्थकेयर वर्कर्स को बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्यकर्मी बचेंगे, तभी देश बचेगा. हमें संक्रमण की चेन को तोडऩा है। यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए और इसके लिए सभी को जिम्मेदार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी को लक्षण हैं और जांच नहीं करवा पा रहा हो तो वो घबराने की बजाय खुद को घर में आइसोलेट कर ले।