चकमोह में सांकेतिक प्रदर्शन, जिलाधीश के स्वयं न आने से ग्रामीण नाराज

एसके शर्मा । हमीरपुर
पंचायती राज चुनाव से पिछले दिन चकमोह में बीडीसी प्रत्याशी वंदना कुमारी ने समर्थक टीम सहित सांकेतिक प्रदर्शन दिया।  लोगों से बीडीसी व जिला परिषद हेतु वोटिंग करने के बाद आंदोलन की तैयारी हेतु कहा गया। काले झंडों, काली पट्टियों से लैस वंदना कुमारी की टीम ने जिलाधीश हमीरपुर से सवाल पूछा कि चकमोह पंचायत में प्रधान, उप प्रधान व वार्ड सदस्यों के सभी 35 प्रत्याशियों ने 6 जनवरी को सामूहिक नामांकन वापसी जैसा बड़ा कदम उठाया था। लेकिन जिलाधीश हमीरपुर ने यहां आना तक जरूरी न समझा, और 8 जनवरी को गांव के लोग खुद जिलाधीश से मिले तो जिलाधीश ने उनकी समस्या हल करने कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया,  लेकिन मौखिक आश्वासन दिए।
बदंना कुमारी ने कहा कि वे 9 जनवरी को मुख्यमंत्री से धर्मशाला सर्किट हाऊस में चकमोह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की 40 साल लीज के एमओयू की मांग फाईल पर चर्चा की, तो उन्होने भी स्वास्थ्य विभाग व जिलाधीश को कार्यवाही हेतु आदेश दिए थे। जबकि 8 जनवरी को प्रदेश सरकार प्रधान सचिव अनिल खाची के द्वारा जिलाधीश हमीरपुर को कार्यवाही के आदेश दिए थे। हद तो तब हो गई जब 12 जनवरी को प्रधान सचिव ने पुन: चकमोह गाँव के मामले में जिलाधीश हमीरपुर व ग्रामीण विकास विभाग सचिव को आदेश देने पर भी ग्रामीणों या वंदना कुमारी को कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया। आखिर 18 जनवरी को वंदना ने मुख्यमंत्री कार्यालय, प्रधान सचिव, जिलाधीश व एसपी हमीरपुर को एमओयू साईन करने के लिखित वचन की अंतिम लिखित अपील भेजी।

आचार संहिता के बाद व्यापक आंदोलन, भूख हड़ताल व चक्का जाम और धरने का अल्टीमेटम देते हुए आज सांकेतिक धरना दे दिया। आज पूरे गाँव में काले झंडे उठाकर वंदना समर्थकों द्वारा प्रभात फेरी की गई और नारेबाजी करते हुए जिलाधीश हमीरपुर को चकमोह की जनता से मिलने और लिखित रूप से उनकी मांग पूर्ण करवाने हेतु पत्र जारी करने की मांग उठाई गई। ताकि लोग बीडीसी और जिला परिषद चुनावों में हर वोटर भाग ले सकंे। वहीं वंदना ने कहा कि जिलाधीश हमीरपुर ने चकमोह मामले को सुलझाने में जितना वक्त लगायाए वह सबकी समझ से परे है और आचार संहिता के बाद होने वाला आंदोलन इस मामले की अनदेखी और समय रहते जनता को कार्यवाही से अवगत न कराने का नतीजा होगा। वंदना ने चकमोह की जनता से बीडीसी व जिला परिषद चुनावों में अधिकतम मतदान करने की अपील की है, ताकि प्रशासन की सुस्ती से निपटने हेतु उच्च तम अधिकारियों से वार्ता की जा सके और चकमोह गाँव की समस्याओं का स्थायी हल निकाला जा सके। वंदना ने कहा कि पंचायत चुनावों में बीडीसी और जिला परिषद के चुनावों का बहिष्कार करने का निर्णय 6 जनवरी को नहीं लिया गया था और प्रधान, उप प्रधान व बार्ड पंच चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया था। ऐसे में 19 जनवरी को चकमोह में सैंकड़ों लोग वोटिंग करेंगे और उनकी सुरक्षा का जिम्मा जिला प्रशासन को ही करना होगा।