राहुल, सोनिया और कांग्रेस का चीन से क्या है आंतरिक समझौता, करें सार्वजनिक: प्रवीण शर्मा

वित्त राज्यमंत्री अनुराग के सवालों का जवाब देने से बच रहें हैं कांग्रेसी नेता

ज्योति स्याल। ऊना

जहां प्रधानमंत्री मोदी देश के सैनिकों का मनोबल फॉरवर्ड पोस्ट पर जाकर बढ़ा रहे हैं। वहीं, पर कांग्रेस पार्टी और उसके नेता लगातार सेना और सैनिकों के मनोबल को गिराने के लिए प्रयासरत हैं। यह बात आज यहां जारी बयान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के उपाध्यक्ष एवं पूर्वमंत्री प्रवीण शर्मा ने कही।

उन्होंने बताया कि गलवान की घटना के पश्चात पिछले 30 दिनों से लगातार कांग्रेस और उसके
नेता अपने निजी एजेंडे के चलते मोदी सरकार के साथ तो खड़े नहीं दिखे, लेकिन कांग्रेसी नेता यह अवश्य बताएं कि उनकी क्या मजबूरी है कि वह भारतीय सेना के पराक्रम पर भी लगातार प्रश्न चिन्ह लगा रहें हैं?

उन्होंने पूछा कि कांग्रेस को बताना होगा कि डोकलाम के समय कांग्रेस के नेताओं ने चीन के साथ मिलकर गुपचुप मीटिंग कर क्या भारतीय सीमाओं को छिन्न-भिन्न करने की पेशकश की थी, जहां आज मोदी सरकार के समय सेना के बड़े स्तर के अधिकारी अग्रिम पोस्ट पर तैनात होकर चीन को ख़धेड़ने में योजना बना रहे हैं। वहीं, 1962 के युद्ध के समय उस वक़्त के दिल्ली दरबार ने सेना के अधिकारियों को एलएसी से पीछे बुला लिया था। ऐसे ही दुर्बल निर्णयों के कारण देश का लगभग 43000 सी किमी क्षेत्र चीन के कब्जे में है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इन दुर्बल निर्णयों का कारण देश की सवा सौ करोड़ जनता को बताना होगा। चीन लगातार विस्तारवादी सोच के चलते भारत की सीमा के लद्दाख, सिक्किम और यहां तक कि अरुणाचल प्रदेश के साथ लगते एलएसी पर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है, लेकिन चीन के इस कुप्रयास को मोदी सरकार ने सफल विदेशी नीति के कारण आज विफल किया है। उन्होंने बताया कि आज मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेनाओं ने चीन की सेना को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उन्हें उनकी ही सीमा के अंदर आगे एलएसी की ओर बढ़ने की बजाय पीछे धकेलने का साहसिक कदम किया है।

इस कदम के लिए देश के सवा सौ करोड़ भारतवासी भारतीय सेना के इस मातृत्व सेवाभाव के लिए ऋणी है और सदैव भारतीय सेना के साथ खड़े हैं। प्रवीण ने बताया कि बकौल केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर आज कांग्रेस, क्रप्शन और कावर्ड इन तीनों का आपसी समावेश हो चुका है। यही कारण है कि मोदी जी पर कांग्रेसी नेताओं की वर्तमान बयानबाजी आज जगहसाई का कारण बन गई है। प्रवीण ने याद करते हुए बताया कि वर्ष 1999 में हिमाचल संगठन के प्रभारी रहते हुए मोदी जी उस वक़्त के हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व तत्कालीन विधानसभा स्पीकर गुलाब सिंह के साथ कारगिल युद्ध के दौरान भी सेना और सैनिकों का मनोबल बनाए रखने के लिए अग्रिम पोस्ट पर गए थे।

प्रवीण ने बताया कि मोदी जी उस समय किसी भी प्रशासनिक पद पर नहीं थे सिर्फ देश, सेना और सैनिकों के प्रति यह जज्बा ही था कि वो अग्रिम सीमा पर निर्भीक चले गए थे, लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि कांग्रेस के नेता मात्र एसी कमरों में बैठकर राजनीतिक टीका टिप्पणी ही कर सकते हैं और राष्ट्रहित कार्यों में बिना थके खोट निकालने में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने हमेशा ही भारत की अस्मिता से खेलने का प्रयास किया है।

चाहे मसला देश के अंदर आतंकी हमल या टुकड़े-टुकड़ेे गैंग का हो या बाहरी सीमाओं का कांग्रेस हमेशा शहीदों और राष्ट्रभक्तों की बजाय देशद्रोहियों के साथ खड़ी दिखती है। आज यही कारण है कि कांग्रेस अपनी सार्थकता खो रही है और भाजपा मोदी के नेतृत्व में नर-नारायण के सेवा कार्यों सहित सीमाओं की सुरक्षा को भी राष्ट्र सेवा के रूप में करने के लिए संकल्पित रूप से आगे बढ़ रही है।