अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव 24 अक्तूबर से

332 देवी-देवताओं को भेजा निमंत्रण

उज्ज्वल हिमाचल। कुल्लू

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव इस वर्ष 24 से 30 अक्तूबर तक मनाया जाएगा। उत्सव का शुभारंभ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और समापन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू करेंगे। रविवार को मुख्यमंत्री ने शिमला के राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में राज्य स्तरीय कुल्लू दशहरा समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में दशहरा के सफल और शांतिपूर्ण आयोजन के लिए कई निर्णय लिए गए। दशहरा से पहले कुल्लू और मंडी जिले की मुख्य सड़कों को चकाचक किया जाएगा ताकि पर्यटकों और दशहरा के लिए आने वाले लोगों को कोई दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

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कुल्लू दशहरा के लिए समिति ने जिला कुल्लू के 332 देवी-देवताओं को उत्सव में आने के लिए निमंत्रण भेजे हैं। यह निमंत्रण पत्र सभी कारदारों को उपमंडल अधिकारियों, तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों की मदद से पहुंचाए गए हैं।

इन क्षेत्रों के देवी-देवता लेते हैं भाग…

उल्लेखनीय है कि विश्वविख्यात कुल्लू दशहरा में बाह्य सराज आनी-निरमंड से लेकर मनाली तक के देवी-देवता भाग लेते हैं। भगवान रघुनाथ की अगवाई में मनाए वाले कुल्लू दशहरा में माता हिडिंबा, बिजली महादेव के साथ बाह्य सराज के अधिष्ठाता खुडीजल, टकरासी नाग, ब्यास ऋषि, कोट पझारी,चोतरू नाग, देवता चंभू, सप्त ऋषि समेत 300 देवी-देवता अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। दशहरा उत्सव में साल दर साल देवी-देवताओं की संख्या में वृद्धि हो रही है। खास बात है कि बाह्य सराज के देवी देवता 150 से 200 किलोमीटर का पैदल सफर कर दशहरा उत्सव में पहुंचते हैं। 2021 में रिकॉर्ड 283 देवताओं ने उत्सव में भाग लिया था। जबकि 2022 में 304 देव-देवताओं ने दशहरा की शोभा को बढ़ाया था, जो दशहरा के इतिहास में सबसे अधिक मौजूदगी थी।

संवाददाता : ब्यूरो रिपोर्ट कुल्लू