अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एड्स पर आशा कार्यकर्ताओं को किया सम्मानित

एमसी शर्मा। नादौन

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग खंड नादौन के सौजन्य से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एड्स जागरूकता अभियान की कड़ी में नादौन में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया व आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर खंड स्वास्थ्य शिक्षक राम प्रसाद शर्मा ने उपस्थित आशाओं को संबाेधित करते हुए कहा कि एचआईवी असुरक्षित यौन संबंध से एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने से, बिना उबली सूई या पहले से इस्तेमाल की गई सुई के प्रयोग से तथा एचआईवी पॉज़ीटिव गर्भवती मां से उसके बच्चे को हो सकता है।

इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी तरीके से एचआईवी संक्रमण नहीं होता है। उन्होंने आगे बताया कि एडस रोग एचआईवी नामक बिषाणु से होता है तथा यह बिषाणु मनुष्य के शरीर की प्रतिरक्षण प्रणाली को भंग कर देता है, जिससे रोगों से लड़ने की शक्ति क्षीण हो जाती है। उन्होंने बताया कि एचआईवी पॉजीटिव व्यक्ति कई बीमारियों जैसे डायरिया, निमोनिया,चर्म रोग व टीवी आदि से प्रभावित हो जाता है। उन्होंने बताया कि अभी तक एड्स का कोई भी ईलाज नहीं है, मगर इससे पूरी तरह बचा जरूर जा सकता है।

यदि एचआईवी पीड़ित व्यक्ति सही ढंग से दवाईयां लें, जो कि एआरटी सैंटरों में बिलकुल मुफ्त मिलती हैं, तो वह लंबे समय तक सामान्य जीवन जी सकता है। उन्होंने बताया कि एड्स का बिषाणु रोगी के रक्त तथा आंतरिक स्त्रावों जैसे कि योनि स्त्राव, वीर्य स्त्राव तथा लार आदि में पाया जाता है और अगर ये स्त्राव या रक्त किसी स्वस्थ व्यक्ति की कटी हुई त्वचा या म्यूकोसा के संपर्क में आ जाएं, तो यह बिषाणु शरीर में प्रवेश करके एड्स का कारण वनता है तथा यौन रोग होने पर एचआईवी एड्स होने की संभावना 5 से 10 गुणा बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि एड्स रोग संक्रमाक तो है, लेकिन छूत का रोग नहीं।