छः महाविद्यालयों में वोकेशनल शिक्षा शुरू करने का जयराम सरकार का निर्णय सराहनीय

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश की जय राम सरकार के राज्य के छः राजकीय महाविद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ करने के निर्णय से “हिमाचल शिखर की ओर“ अभियान को मजबूत पंख लग गई हैं तथा साथ में प्रधानमंत्री के “आत्मनिर्भरभारत“ मिशन को दृढ़तापूर्वक बढ़त हासिल हुई है। राज्य सरकार के इस निर्णय का सर्वत्र स्वागत किया जा रहा है। सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के फलस्वरूप चंगर क्षेत्र में स्तिथ डिग्री कॉलेज, तकीपुर में बीवॉक पाठ्यक्रम शुरू करने की मांग के पूरा होने की आस बढ़ गई है। यह बात लेक्चरार संघ के पूर्व राज्य प्रधान व सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य कल्याण भंडारी ने जारी प्रेस ब्यान में कही।

भंडारी ने जानकारी देते हुए कहा कि विगत दिनों में तकीपुर महाविद्यालय में वोकेशनल एजुकेशन शुरू करने की चंगर क्षेत्र की मांग को विभिन्न समाचार पत्रों ने प्रमुखता से उठाया था। कल्याण भंडारी ने प्रकाश डाला कि अब प्रदेश में कुल डेढ़ दर्जन कॉलेज होंगे जहां पर बीवॉक पाठ्यक्रम शुरू होगा। कांगड़ा जिला में राजकीय महाविद्यालय, धर्मशाला व नूरपुर में व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है। ज्ञात रहे कि बीवॉक की डिग्री बीएबी एससी व बीकॉम के समकक्ष युजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त है। बीवॉक प्रथम वर्ष में दाखिला +2 की मेरिट के आधार पर किया जाता है और क़ुछ सीटें लेवल-4 तक शिक्षा प्राप्त कर चुके छात्रों के लिए आरक्षित रहती हैं। छात्र को छह महीने, एक साल व दो साल के बाद पाठ्यक्रम को छोड़ने का विकल्प भी मिलता है और उसे क्रमशः सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व एडवांस डिप्लोमा प्रदान किया जाता है। तीन वर्ष पश्चात डिग्री हासिल होती है।

भंडारी ने आगे बताया कि इस दौरान निश्चित आय सीमा के विद्यार्थियों को 1000/- रुपए प्रति मास कौशल विकास भत्ता भी देय रहता है। कल्याण भण्डारी ने आग्रह किया कि गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, तकीपुर में इस पाठ्यक्रम को शुरू करवाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इलाके के सभी प्रधान, महिला मंडल, समाजसेवी संगठन, गैर सरकारी संगठन, सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारी व शिक्षाविद एक सम्मानजनक मांग-पत्र प्रेषित कर निवेदन करें। इस एवज में सोशल व डिजिटल प्लेटफार्म पर भी “तकीपुर कॉलेज में हो बीवॉक पाठ्यक्रम“ अभियान भी शुरू किया जायेगा।