इस बार घर में ही मनाया गया जन्माष्टमी पर्व

सुरेंद्र जम्वाल। बिलासपुर

भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन जहां भक्त मंदिरों में जाकर भगवान श्रीकृष्ण के कान्हा रूप की पूजा करते है तो साथ ही अपने परिवार की सुख समृद्धि की कामना भी करते है । मगर इस बार देवभूमि हिमाचल प्रदेश के श्रद्धालुओं को अपने घरों पर ही जन्माष्टमी का पर्व मनाकर संतुष्टि होना पड़ रहा है। जी हां बात करें बिलासपुर की तो कोविड 19 के चलते प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर के कपाट पहली मर्तबा श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे।

गौरतलब है कि कृष्ण जन्माष्टमी के खास मौके पर जिलाभर से काफी संख्या में कृष्ण भक्त पूजा अर्चना के लिए मंदिर परिसर में आते थे और कृष्ण राधा के गीतों व भजनों से पूरा मंदिर भक्तिमय हो जाता था, मगर कोरोना महामारी के चलते इस बार मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे और भक्तों को अपने घरों पर ही जन्माष्टमी का पर्व मनाना पड़ा। वहीं एसडीएम बिलासपुर व लक्ष्मी नारायण मंदिर ट्रस्ट के चैयरमेन रामेश्वर दास का कहना है कि भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा मंदिरों के कपाट खुलने को लेकर अभी एसओपी जारी नहीं कि गई है जिसके चलते कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर व ऐतिहासिक मार्कण्डेय मंदिर के द्वार बंद रहेंगे, इसके साथ ही उन्होंने जिला के सभी भक्तों से घरों पर ही जन्माष्टमी का पर्व मनाने की अपील करते हुए कोरोना संकटकाल के जल्द खत्म होने व सभी भक्तों के स्वस्थ व कुशल रहने की कामना भी की है।