यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका: बीजेपी में शामिल हुए राहुल गांधी के करीबी जितिन प्रसाद

उज्जवल हिमाचल/ डेस्क

उत्तर प्रदेश से आने वाले कांग्रेस के सीनियर नेता जितिन प्रसाद ने बुधवार को बीजेपी का दामन थाम लिया। उन्होंने बीजेपी मुख्यालय पहुंचकर पार्टी की सदस्यता ली। इस दौरान बीजेपी चीफ जेपी नड्डा और पीयूष गोयल भी मौजूद थे। पार्टी दफ्तर पहुंचने से पहले जितिन प्रसाद ने होम मिनिस्टर अमित शाह, बीजेपी के चीफ जेपी नड्डा और रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। बीजेपी प्रवक्ता और उत्तराखंड से सांसद अनिल बलूनी ने बुधवार को ट्वीट किया था कि आज दोपहर 1 बजे एक बड़ी हस्ती पार्टी में शामिल होने वाली है। इसके बाद से ही जितिन प्रसाद समेत कई नेताओं को लेकर कयास लगने लगे थे। सूत्रों के हवाले से यह दावा किया जा रहा था कि उत्तर भारत के किसी राज्य का बड़ा कांग्रेस नेता बीजेपी में जाने वाला है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ब्राह्मण बिरादरी को साधने का प्रयास किया था और सपा से गठबंधन के ऐलान से पहले शीला दीक्षित को सीएम कैंडिडेट भी घोषित किया था। इस बिरादरी में जितिन प्रसाद की अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसके अलावा जितिन प्रसाद कांग्रेस के उन नेताओं में से हैं, जिनकी छवि साफ रही है और वह विवादों से परे रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए उनका बीजेपी में जाना एक बड़ा झटका है।

सीएम योगी को जितिन प्रसाद ने दी थी बधाई, तभी से लग रहे थे कयास

जितिन प्रसाद ने पिछले दिनों यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन की बधाई दी थी। इसके अलावा उन्होंने ट्वीट से खुद के कांग्रेस नेता होने का जिक्र भी हटा लिया था। इसके बाद से ही उन्हें लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं। बीते लोकसभा चुनाव के दौरान ही वह बीजेपी में शामिल होने वाले थे, लेकिन कांग्रेस उन्हें मनाने में कामयाब रही थी।

अगड़ी जातियों को लुभाने में बीजेपी को मिलेगी मदद

हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से उनकी नाराजगी की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। कहा जा रहा था कि लोकसभा चुनाव में अपनी उपेक्षा को लेकर वह नाराज चल रहे हैं। ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखने वाले जितिन प्रसाद की बीजेपी में एंट्री अगड़ी जातियों को लुभाने के लिहाज से अहम हो सकता है। कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी लोगों में शुमार किया जाता रहा है। खासतौर पर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए यह बड़ा नुकसान है।