सेना में भर्ती हो देश सेवा की थी चाह, बन गई शिक्षिका

उमेश भारद्वाज । मंडी

भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा की चाह रखने वाली मंडी जिला की निशा कड़े संघर्ष से गुजर कर शिक्षिका बनी। आजकल जिला के पधर उपमंडल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बरोट में बतौर हिंदी प्रवक्ता अपनी सेवाएं दे रही हैं। निशा ठाकुर का जन्म 8 जनवरी,1987 को पधर उपमंडल की ग्राम पंचायत भड़वाहण में हुआ। पिता धर्मवीर पेशे से चालक थे, जबकि माता शीला देवी गृहणी थी। निशा ने दस जमा दो तक की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुफरी से की।

  • बचपन से कड़े संघर्ष का सामना कर प्रवक्ता बनी द्रंग की निशा
  • चौहारघाटी के रावमापा बरोट में बतौर हिंदी प्रवक्ता दे रही सेवाएं

बचपन से ही दस किलोमीटर का सफर वीरान रास्तों से होकर पैदल तय किया। दस जमा दो की पढ़ाई के बाद बल्लभ महाविद्यालय मंडी से स्नातक की पढ़ाई करने बाद बीएड की डिग्री प्राप्त की। बाद में हिंदी में स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की। निरंतर पढ़ाई जारी रखते हुए अंग्रेजी में भी स्नातकोत्तर की परीक्षा उतीर्ण की। इस दौरान निशा एक बेस्ट एनएसएस वालंटियर रही और स्काउट एंड गाइड की कैप्टन बनी।

पंचायत में फैली कुरितियों के खिलाफ लड़ी जंग
21 वर्ष की आयु में पंचायत का चुनाव लड़ा। कम मतों के अंतराल से चुनाव हारी। इसके पीछे यह वजह रही कि लोगों ने लड़की पराया धन समझ कर उनकी योग्यता को दरकिनार किया। उसके बाद समाजसेवा की ठान ली। पंचायत में नशा निवारण, दहेज प्रथा, बालविवाह, बालिका शिक्षा, घरेलू हिंसा व भ्रूण हत्या जैसे मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने में जुट गई। हिंदी भाषा मे बेहतरीन पकड़ के साथ साथ एक बेहतरीन कवियत्री और स्टेज एंकर के रूप में भी पहचान बनाई।

एनसीसी में सी-सर्टिफिकेट भी किया है हासिल
निशा बचपन से ही समाजसेवा के साथ-साथ सेना में भर्ती होकर देश सेवा का जनून रहा। इसी मकसद से कॉलेज में एनसीसी ज्वाइन किया और सी-सर्टिफिकेट भी हासिल किया, लेकिन घरेलू परिस्थितियों के साथ-साथ घर की जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए भविष्य की तकदीर एक शिक्षिका के रूप में बनी।

दहेज प्रथा के खिलाफ दिया क्षेत्र में संदेश,लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई को दिया बढ़ावा
निशा की शादी मंडी जिला के बल्ह क्षेत्र के बड़सु गांव में हुई। क्षेत्र में बिना दहेज के पहली शादी का संदेश भी निशा और परिजनों ने दिया। निशा ठाकुर ने कोरोना के चलते लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत की। व्हाट्सएप, यूट्यूब के माध्यम से अपने स्कूल ही नहीं अपितु तमाम विद्यार्थियों को सरल तरीके से कंटेंट तैयार कर पढ़ाई करवाई, जिसके लिए पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने निशा ठाकुर की जमकर सराहना की और अपने निजी फेसबुक पेज में उनके पठन-पाठन तरीके बारे पोस्ट शेयर की। ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर हिमाचल एकता मंच और नवोदय क्रांति परिवार द्वारा उन्हें विशेषतः पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र से सममानित भी किया गया।

चौहार घाटी में बाल विवाह के खिलाफ लोगों को किया जागरूक
चौहारघाटी में बाल विवाह में रोक को लेकर भी निशा समाज को जागरूक करने का काम कर रही है। उनका कहना है कि महिलाओं को खुद निडर बनना होगा, घर हो या दफ्तर अपने पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। पुरुष वर्ग को महिलाओं का दिल से सम्मान करना होगा। तभी सही मायने में महिला दिवस मानाने का
औचित्य होगा।