शिक्षा विभाग की जमीन की निशानदेही शुरू, कई दुकानदार आएंगे चपेटे में

एसके शर्मा। हमीरपुर

करोड़ों की जमीन को शिक्षा का अलख जगाने के लिए दान किया था, वर्तमान में उस दान की हुई जमीन पर 100 से भी अधिक दुकानें बन चुकी हैं। दर्जनों दुकानों से नगर परिषद हमीरपुर किराया वसूल रही है। कुछेक स्थानीय दुकानदारों ने भी शिक्षा विभाग के नाम दर्ज इस जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाल के प्रधानाचार्य ने अब स्कूल के नाम दर्ज भूमि की निशानदेही के लिए राजस्व विभाग को पत्र लिखा है।

स्कूल प्रशासन से चिट्ठी मिलने के बाद तहसीलदार हमीरपुर ने पटवारी और दो कानूनगो को स्कूल के नाम दर्ज भूमि की निशानदेही करने के आदेश जारी किए हैं। करीब तीन दिन निशानदेही चलने के बाद अब सार्वजनिक अवकाश के कारण इस कार्य में विलंब हो रहा है। छुट्टी के बाद फिर से सारी भूमि की निशानदेही होगी।

बता दें कि हमीरपुर के एक ब्राह्मण परिवार ने दशकों पूर्व जिला मुख्यालय हमीरपुर में स्कूल के लिए करीब 25 कनाल भूमि का रकबा शिक्षा विभाग को दान किया था। उस वक्त हमीरपुर जिला नहीं, बल्कि तहसील हुआ करती थी। इसके बाद यहां पर स्कूल की बड़ी इमारत और खेल मैदान का निर्माण हुआ। बाद में शिक्षा विभाग ने इस जमीन की तरफ ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते स्कूल मैदान के साथ नगर परिषद ने 100 से अधिक दुकानों का निर्माण कर दिया।

इसमें से 60 से अधिक दुकानों का किराया नगर परिषद को मिल रहा है, जबकि कुछेक दुकानें अभी तक खाली हैं। अब शिक्षा विभाग ने दान में मिली इस जमीन की निशानदेही का कार्य शुरू कर दिया है। निशानदेही पूरी होने के बाद अतिक्रमण पर शिकंजा कसा जाएगा।

उधर, रावमापा बाल की प्रधानाचार्य नीना ठाकुर ने कहा कि स्कूल की जमीन का एक बड़ा हिस्सा अतिक्रमण की चपेट में है, जिसके चलते राजस्व विभाग से निशानदेही करवाई जा रही है। उधर, तहसीलदार हमीरपुर अशोक पठानिया ने कहा कि स्कूल की जमीन की निशानदेही का कार्य चल रहा है। इसके लिए दो पटवारी और दो कानूनगो की ड्यूटी लगाई गई है। अभी तक करीब चार से पांच दिन और लगेंगे।