सर्द हवा में सीख रहे जिंदगी का सबक, खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर नौनिहाल

उमेश भारद्वाज। मंडी

हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र बुलंदियों को छूने और आंकड़ों के खेल में उलझाने वाले शिक्षा विभाग की पोल सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के करसोग में खुल रही है। जहां नवंबर माह की ठिठुरन वाली सर्द हवाओं के बीच खुले में पढ़ाई करने को नौनिहाल मजबूर हैं। मामले में विधानसभा क्षेत्र करसोग में शिक्षा विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली से 50 नौनिहाल स्कूल भवन न होने से खुले आसमान के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं। करसोग मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर राजकीय प्राथमिक पाठशाला सरकोल का पुराना भवन जर्जर हालत में होने की वजह से वर्ष 2019 में असुरक्षित घोषित करने के उपरांत गिरा दिया गया था।

  • सीएम जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के करसोग में खुली शिक्षा विभाग की लचर कार्यप्रणाली की पोल
  • दो सालों से अधूरा पड़ा है स्कूल भवन का निर्माण कार्य, खर्च हो चुके हैं 6.30 लाख,चार दिवारी भी नहीं हो पाई नसीब
  • राजकीय प्राथमिक पाठशाला सरकोल का पुराना भवन 2019 में असुरक्षित घोषित करने उपरांत किया जा चुका है डिस्मेंटल
  • फरवरी 2020 में नए भवन की रखी गई थी आधारशिला, लेकिन दो वर्ष बाद भी हाल जस के तस

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इसके बाद शिक्षा विभाग ने फरवरी 2020 में नए भवन की नींव रखी गई। लेकिन दो साल बीतने के बावजूद अभी तक बच्चों के शिक्षा के मंदिर को चार दिवारी तक नसीब नहीं हुई है। भवन के नाम पर दो सालों में अभी तक सिर्फ लेंटर ही पड़ा है, जिसमें अब तक 6.30 लाख रूपए किए जा चुके हैं। हैरानी की बात है कि देश का भविष्य कहलाए जाने वाले इन नौनिहालों की कोई सुध नही ले रहा है। हालांकि अभी पहली से पांचवी तक के 40 बच्चे स्कूल आ रहे है, जबकि 10 नौनिहालों नर्सरी केजी मे पड़ रहे हैं। जो अभी स्कूल नहीं आ रहे हैं। यही नहीं इन 50 बच्चों का भविष्य संवारने का जिम्मा मात्र एक शिक्षक के सहारे है।

स्थानीय जनता अधूरे पड़े भवन का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए खंड प्राथमिक शिक्षा खंड अधिकारी करसोग के चक्कर काट रही है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे में शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इसको देखते हुए स्थानीय जनता ने अब एसडीएम करसोग से मिलकर इस मामले पर तुरंत उचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है। एसडीएम ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए ब्लॉक एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर को छानबीन करने के निर्देश जारी कर दो दिनों में रिपोर्ट मांगी है।

राजकीय प्राथमिक पाठशाला सरकोल के एसएमसी प्रधान हरीमन का कहना है कि दो सालों से स्कूल का भवन अधूरा पड़ा है। बच्चे धूप और ठंड में बाहर बैठकर खुले में पढ़ाई करने को मजबूर है। उन्होंने सरकार से जल्द स्कूल भवन का कार्य जल्द पूरा करने की मांग की है, ताकि बच्चों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। एसडीएम सन्नी शर्मा का कहना है कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला सरकोल से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई है, जहां गांव के लोगों का कहना है कि स्कूल भवन का निर्माण काफी समय से लंबित है, जिस कारण बच्चों को बाहर खुले में बैठना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि ब्लॉक एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर को निर्देश दिए गए हैं कि मामले की छानबीन करें और दो दिन में अपनी रिपोर्ट भेजें।