21 साल बाद मिलने जा रहा शहीद को सम्मान

कारगिल शहीद राजेश चौहान स्मारक बनने का रास्ता हुआ साफ

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

जहां एक ओर वर्तमान में लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत पर पूरा भारत आक्रोश में आ गया है। वहीं, पिछले 21 साल से धनोटू में कारगिल शहीद राजेश चौहान की शहादत को राजनीति और प्रशासन की अनदेखी का शिकार होना पड़ा है। सुंदरनगर उपमंडल की पंचायत महादेव के अंतर्गत धनोटू गांव से शहीद हुए राजेश चौहान का स्मारक कारगिल युद्ध के बाद 21 साल तक बन नहीं पाया है।

इस संदर्भ में सोमवार को नाचन जन कल्याण सेवा समिति के चेयरमेन ब्रह्मदास चौहान के नेतृत्व में श्रीराम हनुमान सेवा मंदिर समिति महादेव, पंचायत प्रधान, उपप्रधान चौक पंचायत, युवक क्रांति मंडल धनोटू सहित सभी सामूहिक संस्थाओं के साथ मिलकर एक प्रतिनिधिमंडल एसडीएम सुंदरनगर राहुल चौहान से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम से 21 साल पहले कारगिल की चोटियों पर शहीद हुए राजेश चौहान के स्मारक के विषय में विस्तृत रूप से चर्चा की और जो अटकलें इस स्मारक निर्माण के लिए लगाई जा रही थी। उन सबको आपस में बातचीत के माध्यम से दूर किया।

एसडीएम सुंदरनगर राहुल चौहान ने पंचायत निधि से खर्च करने के लिए प्रार्थना पत्र पर हस्ताक्षर करके खंड विकास अधिकारी को प्रेषित कर दिया। खंड विकास अधिकारी ने जल्द ही उसे ग्राम पंचायत महादेव को भेजने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ पर ग्राम पंचायत महादेव प्रधान किरण कुमारी ने जानकारी देते हुए कहा कि यह शहीद स्मारक राजनीति का शिकार हुआ और एक लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आज अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है।

उन्होंने कहां की देश के खातिर बलिदान देना एक महान पुण्य का काम है और बलिदान देने वाले की शहादत के ऊपर अगर राजनीति हो तो वह राष्ट्रहित में सही नहीं है। इसलिए उपरोक्त संस्थाओं और जुझारू समाजसेवियों के साथ मिलकर लंबे अरसे के बाद शहीद राजेश चौहान स्मारक का रास्ता साफ हुआ है। इस मौके पर युवक मंडल क्रांति के अध्यक्ष जितेश कुमार, चौक पंचायत के उपप्रधान प्रभु दयाल, समाजसेवी बिट्टू ठाकुर, श्री राम हनुमान मंदिर सेवा समिति के सचिव चमन ठाकुर भी
मौजूद रहे।

क्या कहते हैं एसडीएम सुंदरनगर राहुल चौहान

मामले को लेकर एसडीएम राहुल चौहान ने कहा कि धनोटू चौक पर स्मारक बनाने के पीडब्ल्यूडी से एनओसी आनी थी जो अब प्राप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि स्मारक का निर्माण ब्लाक द्वारा किया जाना है। संबंधित निर्देश ब्लाक कार्यालय को भेज दिए गए हैं।