सरकार की साढ़े तीन साल की नाकामियों का जनता ने दिया जवाब: आशीष बुटेल

कांग्रेस विधायक बोले, उप चुनाव में भी पार्टी करेगी जीत दर्ज

उज्जवल हिमाचल। शिमला

पालमपुर के विधायक आशीष पटेल ने पालमपुर नगर निगम में मिली जीत को प्रदेश की बीजेपी सरकार के साढ़े 3 साल की नाकामियों के खिलाफ जनता का जनादेश करार दिया है। उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस चुनाव जीती है तो खुशियां भी मनाएगी और उप चुनाव में भी कांग्रेस जीत दर्ज करेगी। शिमला में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में बुटेल ने कहा की पालमपुर चुनावों में बीजेपी ने धनबल और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने की हर संभव कोशिश की। लेकिन भाजपा सरकार की साढ़े तीन साल के कार्यकाल की करतूतों के कारण सोलन व पालमपुर में कांग्रेस की एमसी बनी है। उन्होंने कहा कि उल्टी गिनती सरकार की शुरू हो चुकी है ।

पूर्व सीएम शांता कुमार की सलाह पर अमल करने की मुख्यमंत्री को दी नसीहत

फतेहपुर व मंडी उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ही जीतेगी। उन्होंने नगर निगम चुनावों में बड़ी जीत के लिए पालमपुर की जनता का आभार जताया तथा कहा कि बड़ी जीत के साथ कांग्रेस पर बड़ी जिम्मेदारी भी आई है। पार्टी इसका निर्वहन करेगी। इसके लिए जल्द ही पार्षदों के साथ बैठक कर उनकी प्राथमिकताओं पर मंथन किया जाएगा। फिर इन समस्याओं को सरकार से उठाया जाएगा। कांग्रेस का उद्देश्य शहर में बिजली, पानी, कूड़ा निषपादन की समस्याएं को हल करना हे। उन्होंने कहा कि यदि कोई ग्रामीण इलाका नगर निगम क्षेत्र से बाहर निकलना चाहेगा तो हमारी सरकार आने पर जनगणना के बाद उसे बाहर किया जाएगा तथा यदि कोई ग्रामीण क्षेत्र एमसी में रहना चाहे तो उसकी पूरी सहायता की जाएगी। पार्टी का लक्ष्य पालमपुर को अच्छा व स्वच्छ शहर बनाना है।

उन्होंने प्रदेश सरकार को भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की बात सुनने की सलाह दी है। वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार को पब्लिक मिटिंग नहीं करनी चाहिए। इसपर बुटेल ने कहा कि वह शांता कुमार के ब्यान से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि शांताकुमार पार्टी के वरिष्ठ नेता है तथा दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं। सरकार को उनकी बात सुननी व माननी चाहिए। प्रदेश में सरकार कोरोना से निपटने में गत वर्ष उस समय भी असमर्थ थी, जब लॉकडाउन लगा था तथा अब एक साल बाद आज भी वह इससे निपटने में असमर्थ है। भाजपा सरकार एक साल में भी व्यवस्था नहीं कर पाई है ।