कोरोना काल में गांव के लोगों के लिए मनरेगा हुई मददगार साबित

Minister Virendra Kanwar

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

 

देश एवं प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में कोरोना काल के चलते लाखों लोगों के रोजगार चले गए। वहीं मनरेगा गांव की जनता के लिए रीड की हड्डी हुई साबित हुई है। वित्तयोग विभिन्न परियोजनाओं के तहत 100 करोड़ से ज्यादा धनराशि गरीब लोगों की जेब तक पहुंची है ।

  • 100 करोड़ से ज्यादा धनराशी सीधे तौर पर लोगों की जेब मे गई: वीरेंद्र कवर

पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जहां एक और मनरेगा लोगों के लिए काफी कारगर सिद्ध हुई है वही वित्त योजनाओं के तहत अब तक मनरेगा के तहत कार्य करने वाले कर्मचारियों के जेब में 100 करोड़ से ज्यादा की धनराशि आ चुकी है। गांव के अंदर मुख्यमंत्री एक बीघा योजना के तहत काम चला है तो वहीं दूसरी तरफ कंवर्जेंस में पंचायतों द्वारा एक साल पांच काम की योजना के तहत बड़े बड़े काम चलाए जा रहे हैं जो कि 5 लाख से लेकर 20 लाख तक हैं। मनरेगा कन्वर्जेंस के तहत लोगों को गांव में काम भी मिल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ गांव के भीतर एक आधार पूर्व ढांचा भी खड़ा हो रहा है।


वीरेंद्र कंवर ने बताया कि देश विदेश में विभिन्न उद्योग तथा कारखाने ठप पड़े हैं वही गांव में मनरेगा , ग्रामीण विकास विभाग , विभाग तथा विभिन्न पर योजनाओं के तहत विकास हुआ है। लॉकडाउन के चलते उद्योग ठप हुए है वहीं इस दौरान खेती के चलते कृषि के चलते भूमि सुधार हुआ है। पंचायती राज प्रयास कर रहा है कि सैबी के माध्यम से गांव में छोटे-छोटे उद्योग स्थापित कर लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के साधन दिला सके।