गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए संजीवनी बन रहे प्रदेश के मातृ-शिशु अस्पताल

उमेश भारद्वाज। मंडी
 हिमाचल प्रदेश में गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रतिबद्धता दिखाई है। इस उद्देश्य पूर्ति के लिए सरकार द्वारा सूबे में मातृ-शिशु अस्पताल(एमसीएच) स्थापित किए गए हैं। मंडी जिले के तहत सरकार द्वारा जोनल अस्पताल मंडी और सिविल अस्पताल सुंदरनगर में मातृ-शिशु अस्पतालों का निर्माण किया गया है।

जननी सुरक्षा व शिशु मृत्यु दर कम करने के लक्ष्य को निर्धारित कर अति-आधुनिक सुविधाओं से लैस मातृ-शिशु अस्पताल तैयार किए गए हैं, जिनमें जच्चा व बच्चा को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। मंडी में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल पर लगभग साढ़े 28 करोड़ रूपए और सुंदरनगर में 50 बिस्तर वाले अस्पताल पर लगभग 12 करोड़ रुपए की लागत से मातृ शिशु अस्पताल स्थापित किए गए हैं। इन अस्पतालों में एक ही छत के नीचे उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है।

अब गर्भवती महिलाओं को आईजीएमसी शिमला व पीजीआई रैफर करने की नौबत नहीं आएगी। साथ ही इंटेसिव केयर यूनिट की सुविधा उपलब्ध होने से अब नवजात शिशुओं को त्वरित स्वास्थ्य सुविधा के लिए आईजीएमसी शिमला या पीजीआई चंडीगढ़ रेफर नहीं करना पड़ेगा और यहीं पर उपचार होगा।

केंद्र सरकार के सहयोग और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रयासों से इन नवनिर्मित मातृ शिशु अस्पतालों में अब कई तरह की आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिल रही हैं। सभी बेड पर ऑक्सीजन सप्लाई, मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, एडवांस अग्निशमन सिस्टम, अलग से मेडिकल गैस मेनिफोल्ड, सोलर पॉवर सिस्टम, अलग से आरो वाटर सिस्टम, अलग से पानी का ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया गया है। एक मंजिल से दूसरी मंजिल तक जाने के लिए लिफ्ट की सुविधा भी प्रदान की गई है, जिसमे गर्भवती महिलाओं को सीढियों को चढने-उतरने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मातृ शिशु अस्पताल मंडी और सुंदरनगर में उपचाराधीन महिलाओं ने कहा कि मातृ एवं शिशु अस्पताल में बहुत अच्छा लग रहा है। इसमें काफी अच्छी सफाई है। कर्मचारी यहां पर अच्छे से सफाई करते हैं और डॉक्टर,नर्स तथा स्टाफ भी काफी सहायता करते हैं। मातृ शिशु अस्पताल मंडी में जच्चा और बच्चा के लिए बहुत अच्छी फैसिलिटी दी हुई है। यहां पर डिजिटल बेड लगाए हैं।

यह बहुत अच्छी फैसिलिटी है। महिलाओं को अच्छी डाइट और अच्छी फीडिंग करना और सभी प्रकार की जानकारियां दी जाती हैं। महिलाओं ने कहा कि मातृ एवं शिशु अस्पताल सुंदरनगर में खोलने से सारी फैसिलिटी एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो रही है। पहले ओपीडी के लिए सिविल अस्पताल में लाइन में लगना पड़ता था। मातृ एवं शिशु अस्पताल खोलने से अब लाइन में लगने की जरूरत नहीं होती है।

जानकारी देते हुए शिशु रोग विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सिविल अस्पताल सुंदरनगर डॉ. चमन सिंह ठाकुर ने कहा कि जिले में एमसीएच खुलने से केंद्र सरकार द्वारा शिशु और गर्भवती महिला मृत्यु दर को कम के लक्ष्य को पूरा करने में एक बड़ी सहायता प्रदान होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मातृ शिशु अस्पताल के माध्यम से जच्चा और बच्चा के लिए एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।