कांगड़ा के पशुपालकों के लिए आफत बनी पशुओं की मुंह-खुर की बीमारी

उज्जवल हिमाचल। धर्मशाला

जिला कांगड़ा में पशुओं की मुंह व खुर की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है, इससे पशुपालकों को काफी परेशानी उत्पन्न हो रही है। जिला के कुछ उपमंडल में यह बहुत ज्यादा सक्रिय होती जा रही है। यह बीमारी मवेशियों के साथ बेसहारा पशुओं में भी फैल रही है। विशेष रूप से गर्मियों व बरसात में यह रोग पशुओं में ज्यादा फैलता है। यह रोग एक पशु से दूसकरे पशु को भी लगता है। इस रोग की रोकथाम के लिए हर साल पशुपालन विभाग टीकाकरण करता है। गांव गांव में पशुपालन केंद्रों के माध्यम से पशुओं को टीकाकरण किया जाता है।

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जिस कारण इस बीमारी से पशुओं को टीकाकरण सुरक्षित रखता है। लेकिन इस वर्ष पशुओं को टीका लगा ही नहीं है। ऐसे में अब यह बीमारी पशुओं में फैल रही है। जबकि पशुपालन विभाग भी हाथ में हाथ रखकर बैठा है। धर्मशाला, जवाली, इंदौरा व नगरोटा सूरियां व पौंग झील के किनारे वाले स्थानों पर यह रोग पशुओं में बढ़ रहा है। समय पर टीकाकरण न होने के कारण बीमारी बढ़ रही है। किसान व पशुपालकों को इस बीमारी के फैलने से नुकसान होता है। जो पशुपालक दूध का कारोबार करते हैं और उनके दूध देने वाला पशु इस रोग की चपेट में आ जाते हैं तो वह दूध भी नहीं बेच पाते और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।

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इस पर पशुपालन विभाग के उपनिदेसख संजीव धीमान ने माना कि हर बार साल में दो बार टीके खुर मुंह की बीमारी से बचाव को पहले ही लगाए जाते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते जो वैक्सीनेशन केंद्र की ओर से उपलब्ध होती थी उसे नहीं दिया गया, इस कारण एडवांस में टीकाकरण नहीं हो सका। तीन लाख के करीब टीके निजी एजेंसी से मंगवाएं हैं। जल्द टीकाकरण किया जाएगा।