राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में बहुउद्देशीय खेल मैदान होंगे विकसित : पठानिया

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। धर्मशाला

राज्य में खेलकूद गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में चरणबद्व तरीके से बहुउद्देशीय खेल मैदान विकसित किए जाएंगे। इससे युवाओं को खेलकूद के अभ्यास के लिए बेहतर सुविधा मिल सकेगी। यह जानकारी वन, युवा एवं खेल सेवाएं मंत्री राकेश पठानिया ने मंगलवार को धर्मशाला के इंडोर स्पोर्टस स्टेडियम का निरीक्षण करने के उपरांत दी। उन्होंने कहा कि राज्य में खेलकूद गतिविधियों के लिए पहले से बने बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए तथा नई अधोसंरचना विकसित करने के लिए भी कारगर कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि खेलों में प्रतिभावान बच्चों एवं किशोरों को राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्त्र की प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार करने के लिए खेल कूद प्रतिभा खोज कार्यक्रम भी आरंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने खेल प्रतिभाओं के प्रोत्साहन के लिए सीनियर राष्ट्रीय, जूनियर राष्ट्रीय स्कूली तथा अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिताओं में विजेता खिलाड़ियों की इनामी राशि को दुगुना किया गया है। उन्होंने कहा कि खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने तथा प्रदेश के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण के उददेश्य से राज्य की खेल नीति का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि खेलों को शिक्षा का एक महत्वपूर्ण माध्यम माना जाता है, युवाओं को खेलों की ओर प्रोत्साहित करना जरूरी है, ताकि वह नशा इत्यादि की बुराइयों से दूर रह सकें, वर्तमान सरकार युवाओं को खेलों के साथ जोड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस अवसर पर वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने धर्मशाला के इंडोर स्टेडियम में लंबित निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश भी दिए गए। इस अवसर पर विधायक विशाल नैहरिया सहित युवा एवं खेल सेवाएं विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से साथ की बैठक
वन, युवा एवं खेल सेवाएं मंत्री राकेश पठानिया ने मंगलवार को स्कूल नर्सरी कार्यक्रम को लेकर राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के साथ एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई तथा इस कार्यक्रम के सुचारू कार्यान्वयन के लिए रूपरेखा तैयार करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूल नर्सरी कार्यक्रम भी आरंभ किया जा रहा है। इसमें स्कूल में ही बच्चों द्वारा पौधों की नर्सरी तैयार की जाएगी।

इसके पश्चात नर्सरी में तैयार पौध को बच्चे अपने अपने घरों के आसपास रोपित करेंगे और इन पौधों का संरक्षण भी करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में विद्यार्थी वन मित्र योजना भी आरंभ की गई है, जिसके तहत राज्य के 374 स्कूलों के बच्चों द्वारा 2900 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया गया है तथा इन पौधों की देखभाल भी की जा रही है। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सुरेश सोनी भी उपस्थित थे।