25 हजार की रिश्वत लेकर फरार हुआ SHO नादौन निलंबित, नहीं लग पाया कोई सुराग

उज्जवल हिमाचल। हमीरपुर

रिश्वत और विजिलेंस टीम पर कार चढ़ाने के आरोपी एसएचओ नीरज राणा को पुलिस विभाग ने निलंबित कर दिया है। एसएचओ के खिलाफ विभागीय जांच भी बैठा दी है। जांच में अब तक की सेवाओं का रिकॉर्ड तलब किया जाएगा। अब इंस्पेक्टर योगराज चंदेल को नादौन थाना का एसएचओ नियुक्त किया है। योगराज विजिलेंस थाना हमीरपुर में सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान में पुलिस लाइन हमीरपुर में रहे हैं।

वहीं, रिश्वत का आरोपी एसएचओ वारदात के 36 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। विजिलेंस और हमीरपुर पुलिस की टीमें उसकी तलाश कर रही हैं। बीते मंगलवार को लेबर चौक नादौन में दुधारू पशुओं का कारोबार करने वाले व्यापारी से 25 हजार रुपये रिश्वत लेने और विजिलेंस टीम पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास करते हुए वह फरार हुआ था। सेरी कल्चर रोड पर कार को खड़ा करने के बाद वह बेला के जंगल की तरफ भागा था। सूत्रों के मुताबिक आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गया है। अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी लगाने का प्रयास कर रहा है।

आरोपी पर विभागीय जांच के साथ उसकी प्रॉपर्टी की भी जांच होगी। कहां-कहां जमीनें और मकान खरीदे हैं। बैंक में खुद और परिवार के सदस्यों के नाम पर कितनी पूंजी है, यह सब जांच के दायरे में आएगा। वर्तमान में उसके पास करीब दस लाख की लग्जरी कार है। हमीरपुर विजिलेंस के डीएसपी लालमन शर्मा ने कहा कि एसएचओ को ढूंढने में टीम लगी है। एसपी हमीरपुर डॉ. आकृति शर्मा ने कहा कि आरोपी को विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। विभागीय जांच भी शुरू कर दी है। इंस्पेक्टर योगराज को नादौन थाने का एसएचओ नियुक्त किया गया है।

वर्ष 2013 में तत्कालीन एसएचओ उपनिरीक्षक अश्वनी को भी विजिलेंस ने 10 हजार रुपये रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था। उसे उपायुक्त कार्यालय के पास रिश्वत लेते पकड़ा था। बाद में सुबूतों के अभाव में वह बहाल हो गया। इसी साल राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो हमीरपुर में सेवारत एक महिला आरक्षी पर भी सूचनाएं लीक करने का आरोप लग चुका है।

विजिलेंस ने एक राजस्व अधिकारी को रिश्वत के आरोप में ट्रैप करने का प्लान बनाया था। इससे पहले कि विजिलेंस आरोपी तक पहुंचती सारा प्लान लीक हो गया और आरोपी बच निकला। मामले में उच्च स्तरीय विभागीय जांच के बाद विजिलेंस कर्मचारी को हमीरपुर से पुलिस बटालियन जंगलबैरी और बाद में शिमला ट्रांसफर किया गया। बाद में फिर से हमीरपुर लौट आईं।