कृषि के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करना एक अच्छी पहल

ड्रोन इस्तेमाल करने वाले किसानों को दिए जाएंगे ई-व्हीकल

अब नैनो टेक्नोलॉजी और ड्रोन तकनीक से बढ़ेगा सूबे के किसानों का उत्पादन

उज्ज्वल हिमाचल। मंडी

नैनो टेक्नोलॉजी और ड्रोन तकनीक अब सूबे के किसानों के उत्पादन को बढ़ाने जा रही है। जहां पहले खेतों में यूरिया के उपयोग से पर्यावरण को क्षति पहुंच रही थी। वहीं नैनो यूरिया के उपयोग से खेती उपज को बढ़ाकर किसान फसल की पैदावार को बढ़ाने की ओर प्रगतिशील होने जा रहा है। इसको लेकर इफको मंडी द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र में दो दिवसीय नैनो उर्वरकों पर आधारित ‘प्रशिक्षण एवं भ्रमण’ कार्यक्रम का आयोजन शुरू किया गया है।

 

 

इसमें प्रदेश के 5 जिलों मंडी, कुल्लू, सोलन, बिलासपुर और हमीरपुर से आए 30 प्रगतिशील किसान विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न विषयों पर विस्तृत रूप से जानकारी भी प्रदान कर रहे हैं। कार्यक्रम के शुभारंभ पर कृषि उत्पादन बाजार समिति (एपीएमसी) मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कृषि उपनिदेशक डॉ. राजेश डोगरा ने की। कार्यक्रम के संजीव गुलेरिया ने प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के ऊपर विस्तार से जानकारी दी गई।

 

मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में संजीव गुलेरिया ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल एक बहुत अच्छी पहल है और इसको लेकर खेतों में ड्रोन ले जाने के लिए किसानों को ई-व्हीकल भी दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ड्रोन के माध्यम से खेतों में स्प्रे कर किसानों को आने वाली लागत में कमी आने के साथ-साथ उत्पादों की गुणवत्ता भी बढ़ेंगे। इससे खेतों की मिट्टी को भी नुकसान नहीं होगा। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र मंडी के प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पंकज सूद, इफको मंडी के फील्ड ऑफिसर रोहित गलोटिया सहित कृषि वैज्ञानिकों की टीम मौजूद रहे।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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