एनसीटीई विनियमय 2014 को लागू करे प्रदेश सरकार

एसके शर्मा। हमीरपुर

शिक्षा के अधिकार अधिनियम में शिक्षकों की नियुक्ति हेतु तय सर्वोच्च संस्था राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा जारी विनिमय 2014 को प्रदेश सरकार स्पष्ट रूप से लागू करें। राजकीय कला टीजीटी संघ हमीरपुर के जिलाध्यक्ष विजय हीर ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि शिक्षकों की नियुक्ति अर्हताओं के संदर्भ में एनसीटीई के द्वारा अधिसूचित नियमों को पूरी तरह से लागू किया जाए और उनके आधार पर ही नियुक्ति व पदोन्नति प्रक्रियाएं पूर्ण की जाए। हीर ने कहा कि माध्यमिक व हाईस्कूल स्तर पर शिक्षण हेतु मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या स्नातकोत्तर में न्यूनतम 50 या 45 फीसदी अंक सहित बीएड की शर्त एनसीटीई विनिमय 2014 में निहित है।

इसमें एनसीटीई विनिमय 2002 व 2007 के अनुसार स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री में न्यूनतम 45प्रतिशत व बीएड की शर्त लगाई गई है, जबकि 23 अगस्त, 2010 से टीईटी पास करने की शर्त भी भर्ती पदोन्नति नियमों का अभिन्न भाग है। ऐसे में एनसीटीई विनिमय 2014 के अनुसार टीजीटी के भर्ती पदोन्नति नियमों में संशोधन आपेक्षित है। हीर ने कहा कि एनसीटीई विनिमय 2002 और 2007 को अब तक निरस्त नहीं किया गया है और ऐसे में उनके लागू होने पर कोई संशय नहीं है, मगर नई शिक्षा नीति के लागू होने पर अब एनसीटीई के द्वारा तय किए गए टीजीटी भर्ती मानकों का पूर्ण सम्मान किया जाना चाहिए।

हीर ने कहा कि एनसीटीई ने 28 जून, 2018 को जारी नए संशोधन में पैरा 1 उप-पैरा (i) अनुच्छेद (ए) में जो संशोधन किए हैं, वे कक्षा 1 से 5 तक नियुक्ति हेतु लागू हुए हैं, जबकि पैरा 3 उप-पैरा (ए) का प्रावधान भी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा है, जिस पर मामला प्रदेश उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में कक्षा 6 से 8 हेतु एनसीटीई विनिमय स्नातक में 50प्रतिशत या 45प्रतिशत अंकों सहित बीएड, बीएडएड व टीईटी की शर्त लागू होती है। ऐसे में टीजीटी पद पर नियुक्ति या पदोन्नति हेतु इन नियमों का सम्मान किया जाना आपेक्षित है।

अब तक प्रमोशन पर प्रोबेशन की मार
राजकीय कला टीजीटी संघ, हमीरपुर के जिलाध्यक्ष विजय हीर ने कहा कि जेबीटी से टीजीटी पदोन्नति के बाद शिक्षकों पर 2 साल के प्रोबेशन की शर्त अब भी लगाई जा रही है। इसके चलते शिक्षकों को 2 वर्ष तक 5000 रूपए की बजाय 4200 रूपए ग्रेड पे मिल रही है। इस प्रोबेशन को लागू करना सही नहीं है। क्योंकि जेबीटी व टीजीटी दोनों ही तृतीय श्रेणी के तहत अधिसूचित पद हैं और प्रदेश कार्मिक विभाग ने 21 नवंबर , 2015 को जारी आदेशों में स्पष्ट किया था कि प्रोबेशन की शर्त एक ही श्रेणी के अंदर पदोन्नति प्राप्त कर्मचारियों पर लागू नहीं होती।

7 अगस्त, 2018 को प्रदेश शिक्षा सचिव ने भी प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशक को इस नियम को लागू करने के स्पष्ट आदेश दिए थे, जबकि 5 अक्तूबर, 2018 को समस्त उच्च शिक्षा उपनिदेशकों को इन आदेशों को लागू करने के निर्देश दिए थे और शिक्षा निदेशालय को इस संदर्भ में भर्ती पदोन्नति नियम बदलने का प्रस्ताव देने हेतु निर्देश दिए थे, मगर अब तक एक ही पद श्रेणी में प्रमोशन पर प्रोबेशन समाप्ति की शर्त संबंधी नए नियमों का शिक्षा इंतज़ार कर रहे हैं। ऐसे में शिक्षक हित में यह संशोधन अविलंब आपेक्षित है।