हिमाचल हाई कोर्ट में उप मुख्यमंत्री व CPS मामले को लेकर अब अगली सुनवाई 19 जून को

उज्जवल हिमाचल। शिमला

हिमाचल सरकार द्वारा उप मुख्यमंत्री व 6 मुख्य संसदीय सचिवों के मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश ने अगली सुनवाई 19 जून को रखी गई। आज सीपीएस मामले को लेकर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। तीन सीपीएस को नोटिस नहीं पहुंचे है ऐसे में उन्हें जवाब देने के लिए अगली सुनवाई 19 जून को रखी गई है। इस मामले में भाजपा के दस विधायकों द्वारा चुनोती दी गई है।

भाजपा के वकील सत्यपाल जैन ने कहा कि आज सुनवाई में सरकार की तरफ से एजी व उपमुख्यमंत्री के वकील कोर्ट में हाजिर हुए हैं। जबकि तीन सीपीएस को नोटिस न मिलने के बाद उन्हें 19 जून तक रिप्लाई के लिए समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री का संविधान में कोई प्रावधान नहीं है। कुल विधानसभा सदस्यों के 15 प्रतिशत ही मंत्री बना सकता है। कांग्रेस सरकार ने असंवैधानिक तरीके से नौ मंत्री व छ संसदीय सचिवों की नियुक्ति की है। उन्होंने कोर्ट में दलील पेश की है कि अनुच्छेद 191 व 164 के तहत सर्वाेच्च न्यायालय ने असम में फैसला सुनाया है कि किसी भी राज्य को मुख्य संसदीय सचिव बनाने व उनके संबंध में कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है।

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सांबा मणिपुर में सर्वाेच्च न्यायालय ने सीपीएस की नियुक्तियों को रद्द किया था। संविधान के अनुसार मुख्यमंत्री व मंत्री बनाए जा सकते हैं। उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति असंवैधानिक है। 19 जून को इस पर कोर्ट में बहस होगी। सत्यपाल जैन ने कहा कि मुख्य संसदीय सचिवों को मंत्रियों की सुविधा मिल रही है, ऐसे में यह सरासर नियमों के खिलाफ है। सीपीएस की नियुक्ति मामले में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले पर भी अध्ययन कर रहे हैं। यदि यह मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट हुआ, तो मुख्य सचिवों को विधायक के तौर पर भी अपनी सदस्यता गवानी पड़ेगी।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

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