निशा ने स्वरोजगार से चुनी आर्थिक स्वावलंबन की राह

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

अगर इंसान के मन में कुछ करने का जज़्बा और लग्न हो तो छोटे-छोटे प्रयास बड़ी सफलता का आधार बन जाते हैं। कांगड़ा तहसील के सहौड़ा गांव की निशा देवीे इस बात को चरितार्थ करती ऩजर आती हैं। शादी के बाद निशा जब सहौड़ा गांव में अपने ससुराल आई थीं, उस समय घर की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर थी। पति ख्ेातीबाड़ी करते थे, तो उन्होंने भी इसमें हाथ बंटाना शुरू कर दिया। फिर भी दोनों मिलकर इतना नहीं कमा पाते थे कि उनके परिवार का सही ढंग से गुज़र-बसर हो सके।

ग़रीबी और हालात से दो-चार होने के बावजूद निशा एक बेहतर जीवन जीने की चाह लिए अपनी उम्मीदों को संवारने के लिए प्रयासरत थीं। तभी उन्होंने देखा कि उसके आस-पास के लोग सब्ज़ी उत्पादन में लाखों रुपए कमा रहे हैं, तो उनके मन में भी विचार आया कि क्यों न हम भी अपने खेतों में पारम्परिक खेती के बज़ाए कुछ ऐसा करें, ताकि हमारी आर्थिकी में सुधार हो सके। ऐसे में उन्हें पंजाब नैशनल बैंक के धर्मशाला स्थित ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा सहौड़ा में लगाए गये जागरूकता शिविर में संस्थान द्वारा चलाए जा रहे इच्छुक लोगों को उन्नत कृषि बारे प्रशिक्षण देने का पता चला।

उन्हें आशा की किरण नजर आई और उन्होंने तुरन्त संस्थान से सम्पर्क किया तो पता चला कि ये प्रशिक्षण निःशुल्क करवाया जाता है। भोजन और रहने का खर्चा भी संस्थान ही करता है। फिर क्या था, उन्होंने सब्ज़ी नर्सरी प्रबन्धन एवं सब्ज़ी उत्पादन के दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में दाखि़ला ले लिया। निशा बताती हैं कि उनके लिए यह प्रशिक्षण बहुत उपयोगी साबित हुआ। इस दौरान उन्होंने खेतीबाड़ी की उन्नत तकनीकों तथा व्यवसाय चलाने के साथ-साथ नक़दी फसलों की खेती करने के सम्बन्ध में भी पूरी जानकारी ली।

इस तरह आरसेटी का प्रशिक्षण कार्यक्रम उनके जीवन में परिवर्तन का आधार बना। निशा बताती हैं कि उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत अपने पति के साथ लगभग 35 हजार रूपए की पूंजी लगाकर सब्ज़ियों का उत्पादन शुरू किया। मेहनत और प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान के बूते देखते ही देखते दिन बदलने लगे। सब्जियों को आस-पास की सब्जी मंड़ियों में बेचना शुरू कर दिया। अब वे अधिकतर सब्ज़ी धर्मशाला सब्ज़ी मंडी में बेचती हैं और हर महीने लगभग 12 से 15 हजार रूपए कमा रही हैं और अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन बिता रही हैं। उनका सारा परिवार उनके साथ सब्ज़ी उत्पादन का कार्य कर रहा है।

क्या कहते हैं निदेशक
पंजाब नैशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक महेन्द्र शर्मा बताते हैं कि संस्थान जरूरतमंद एवं इच्छुक लोगों को स्वरोज़गार आरंभ करने के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण देता है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर हो सकें। वे बताते हैं कि संस्थान 18 से 45 वर्ष तक की महिलाओं और पुरूषों को डेयरी फार्मिंग, खुंब उत्पादन, सब्जी नर्सरी प्रबंधन और सब्जियों की खेती, आलू एवं प्याज की खेती और प्राकृतिक संरक्षण, अचार और पापड़ बनाना, खिलौने बनाना, डुने पत्तल बनाना, कपड़े के बैग बनाना तथा मोबाईल रिपेयरिंग जैसे विभिन्न रोजगारपरक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान करता है।

निदेशक ने बताया कि प्रशिक्षण की समाप्ति पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिए जाते हैं, जिसके द्वारा वे स्वरोज़गार हेतु जिला कांगड़ा के किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने के इच्छुक युवक व युवतियां नज़दीक राजकीय महाविद्यालय सभागार, सिविल लाईन धर्मशाला, पीएनबी ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण संस्थान कांगड़ा में संपर्क कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए उनसे उनके दूरभाष नंबर 9418020861 या संस्थान के दूरभाष नम्बर 01892227122 पर संपर्क किया जा सकता है।

क्या कहते हैं उपायुक्त
उपायुक्त कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति का कहना है कि ज़िला में युवाओं एवं महिलाओं को स्वरोज़गार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर बल दिया जा रहा है। इस प्रकार के प्रशिक्षणों से लोग क्षेत्र विशेष के लिए आवश्यक ज्ञान प्राप्त कर एवं कौशल विकास से स्वरोजगार अपनाकर स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़े हैं। उनका कहना है कि जिला प्रशासन लोगों को स्वरोजगार आरंभ करने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।