अनाधिकृत दुकानदारों पर नहीं कर रहा कोई कार्रवाई : पवन

एसके शर्मा। हमीरपुर

कृषि विभाग द्वारा अधीकृत दुकानदरों को लाइसेंस लेने, ट्रेनिंग करने के साथ साथ बीजों व दवाइयां के हर महीने स्टोक रजिस्टर मेंटेंन कर अधिकृत कंपनियां से ही समान खरीद कर बिक्री करने की अनुमति देते हैं। अधिकृत विक्रेता जिन कंपनियां को हिमाचल में बेचने की अनुमति नहीं है, उनका सामान नहीं बेच सकते हैं। हमीरपुर में सभी ब्लॉकों के अधिकृत विक्रेताओं ने पवन कालिया की अध्यक्षता में बैठक की। उन्होंने कहा कि हम विभाग की सारी शर्तें पूरी करते हैं, पर कृषि विभाग हमें तंग कर हमारी कोई सहायता नहीं करता है।

अभी हाल ही में सरकार ने नया फैसला लिया, जिसमें बिना डिप्लोमा के 30-40 वर्षों से अधिकृत बिक्रेता दुकान कर रहे थे। उन विक्रेताओं को भी सरकार ने दस-दस हजार रुपए लेकर 65 से 60 वर्ष के बजुर्गों को भी परिक्षण करवाया और उन्होंने किया। पवन कालिया ने कहा कि बीज व दवाइयां अधिकृत विक्रेताओं द्वारा विभाग के सभी निर्देशों का पालन कर किसानों को बीज व दवाइयां उपलब्ध करवाते हैं। पूरे वर्ष भर में लगभग चार-पांच मास ही सीजन होता है, बाकी समय में बीज व दवाइयां का काम नहीं होता है।

विभागीय निर्देशों अनुसार बीज और दवाइयां बेचने वाले विक्रेता और कोई भी खाने-पीने का सामान साथ में नहीं रख सकते हैं। जिससे सीड्स विक्रेताओं को अपना वर्ष भर का खर्चा निकालना मुश्किल हो जाता है, उसके साथ ही हमारे सीजन में हर अनाधिकृत दुकानदार हमारा सामान अनाधिकृत कंपनियाें से लेकर बेचते हैं। पवन कालिया ने कहा कि कृषि विभाग अनाधिकृत दुकानों पर बिक्री हो रहे सामान का कोई चेक नहीं रखते हैं और ऐसे दुकानदार बिना अधिकृत कंपनियां का सस्ती दरों पर बीज व दवाइयां खरीद कर बेच रहे हैं, जबकि कृषि विभागिय निर्देशों द्वारा बीज व दवाइयां अधिकृत विक्रेता अधिकृत कंंपनियाें से अच्छी किस्म का सामान बिक्री कर सकते हैं।

अधिकृत बिक्रेताओं द्वारा सस्ती दरों वाले समान की बिक्री पर सैंपल भर कर उन्हें तंग किया जाता है। हमारा समान उचित लिटि का होने की वजह से हमें महंगा पड़ता है और फसलों की बिजाई के सिजन पर अनाधिकृत बिक्रेताओं का अनाधिकृत कंपनियाें का समान सस्ता होने के कारण हमारे बीज ब कीटनाशक दवाइयां की बिक्री कम होती हैं और हमें नुकसान उठाना पड़ता है। अगर विभाग
अनाधिकृत दुकानदारों पर उचित करवाई नहीं करता है, तो अधिकृत विक्रेता भी विभाग के निर्देशों का पालन नहीं करेंगे।

अधिकृत विक्रेता भी उनकी तरह अपनी मर्जी से सस्ती दरों वाला समान भी लाकर बिक्री करने लगेंगे औऱ कृषि विभाग को सैंपल ब स्टॉक स्टेटमेंट भी नहीं देंगे। कालिया ने कहा कि आजकल खरीफ़ की फसल का सीजन है, जिसमें घटिया किस्म की मक्की, चरी, बाजरा और खरपतवार ब कीटनाशक दवाइयां हर जगह हर कोई बेच रहा है। कृषि विभाग इस तरफ कोई ध्यान न देकर उचित कार्रवाई नहीं करता है और कृषि विभाग का ढीला ही रवैया रहता है, तो हमें भी अपने सामान की जानकारी कृषि विभाग को न देने के बारे में मजबूर होना पड़ेगा।