ढसोली पंचायत में दर्जनों गरीब परिवार सस्ते राशन से वंचित

अरुण पठानिया। रैहन

वैसे तो सरकार गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों को सस्ता राशन उपलब्ध करवाने के लिए बड़े-बड़े दावे करती आ रही है, लेकिन ज्वाली की ग्राम पंचायत ढसोली में गरीबों से भद्दा मजाक हो रहा है। ढसोली गांव के समाजसेवी रशपाल सिंह का कहना है कि पंचायत में कई ऐसे घर है जिनकी आय का स्रोत वर्तमान समय में कुछ भी नहीं है। कुछ ऐसे भी हैं जो भूमिहीन हैं। ऐसे हालातों के बावजूद पंचायत प्रतिनिधियों ने पंचायत बीपीएल मुक्त कर दी और गरीबों को उनके हक से भी निराश किया। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसेे हालातों ंमें उनकी मदद करने की बजाय ऐसा अन्याय न किया जाए। अन्यथा इसका नतीजा चुनावों में सरकार को भुक्तना पड़ेगा।

पंचायत प्रतिनिधियों ने बीपीएल मुक्त कर किया कुठाराघात

रशपाल सिंह ने कहा कि कुछ बच्चे अपना भविष्य बनाने के लिए बीपीएल सर्टिफिकेट का प्रयोग करते थे, लेकिन उन्हें भी निराश किया गया। ढसोली गांव से दर्जऩो परिवारों ने सरकार एवं प्रशासन से मांग उठाई है कि जल्द ही गरीब परिवारों को दोबारा बीपीएल में डाला जाए, ताकि वह सरकार की सुविधाओं एवं योजनाओं का लाभ उठा सकें। इस मौके पर राजू, जोगिंदर सिंह, हंस राज, किस्सों, बुधी सिंह, रीता, कुकी, सावित्री देवी आदि उपस्थित थे।

लोगों ने कहा था सबको एकसमान कर दो: प्रधान
प्रधान कामना देवी का कहना है कि यह पंचायत बीपीएल से मुक्त है। ग्राम सभा में स्थानीय लोगों ने ही कहा था कि सबको एक समान कर दो, लेकिन अब बीपीएल सूची में दोबारा से लोगों के नाम डाले जाएंगे।

गरीबों के साथ हो रहा अन्याय: प्रो. चंद्र कुमार
ज्वाली के पूर्व मंत्री प्रो. चौधरी चंद्र कुमार का कहना हैं कि वर्तमान समय मे यह बहुत बड़ा रैकेट पंचायतों में चला हुआ है। पंचायत प्रधान अपनी जान बचाने के लिए यह सब करते हैं। ऐसे हाथ कंडे अपनाते हैं, ताकि गरीब आदमी को अपना हक ना मिल सके। यह गरीबों के साथ बिलकुल गलत हो
रहा है।

पंचायती राज मंत्री के समक्ष उठाएंगे मुद्दा: विधायक
स्थानीय विधायक अर्जुन सिंह का कहना हैं जल्द ही इस समस्या को उच्च स्तर पर उठाया जाएगा। शीघ्र ही पंचायती राज मंत्री के साथ बात की जाएगी, ताकि गरीबों को उनको हक मिल सके।