ज्वाली में 10 गारंटी योजनाओं का कोई नाम नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन अभियान जोरों पर 

उज्जवल हिमाचल। ज्वाली

ज्वाली विधान सभा क्षेत्र की जनता आपदा से सहमी हुई है और थोड़ी बहुत रही कसर को कांग्रेस के नेता लोग व्यवस्था परिवर्तन अभियान से निकाल रहे है । यह शब्द ज्वाली भाजपा मंडल अध्यक्ष धीरज अत्री ने ज्वाली में एक प्रेस वार्ता में कहे। मंडल अध्यक्ष धीरज अत्री ने कांग्रेस के आला नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने 2022 के चुनावों में ज्वाली की जनता से बुढ़ापा की स्तिथि में अंतिम चुनाव के नाम पर सहानुभूति वोट मांग कर ऊपर से 10 गारंटी योजनाओं का लालच देकर और साथ में व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर ठगकर जनता को धोखा दिया।

ज्वाली में कांग्रेस नेताओं ने 10 गारंटी योजनाओं को दरकिनार करके व्यवस्था परिवर्तन अभियान पर पूरा फोकस रखा हुआ है। इस व्यवस्था परिवर्तन अभियान के तहत स्कूलों के प्रधानाचार्य एवं अन्य अध्यापकगण, एसडीएम, डीएसपी व अन्य पुलिस विभाग के कर्मचारी, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों की शाम को कुर्सी भरी देखी सुबह देखी खाली देखो जनाब यह है। अब सवाल यह उठता है कि क्या इसी को व्यवस्था परिवर्तन कहते हैं। यह वयवथा परिवर्तन अभियान आजकल काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस अभियान के पीछे लोगों का मानना है कि इस अभियान की शुरुआत नेता लोग अपनी आय बढ़ाने के लिए करते हैं।

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गौरतलब है कि ज्वाली की जनता बड़ी बेसब्री से 10 गारंटी योजना के तोहफे का इंतजार कर रही हैं। 18 से 60 साल की महिलाएं अपने प्रति माह मिलने वाले 1500 रूपये के इंतजार में है। किसान दूध की कीमत जोकि 80 और 100 रूपये प्रति लीटर और गोबर के बड़े-बड़े ढेर लगाकर सरकार द्वारा खरीदने के इंतजार में है। इतना ही नहीं इस व्यवस्था परिवर्तन अभियान के तहत सड़कों में पड़े गड्ढों को भरने के लिए तारकोल की जगह मिट्टी डाली जा रही है। जिससे बारिश के दौरान राहगीर व दोपहिया वाहन चालक कीचड़ से भर जाते हैं और धूप में इन गड्ढों में डाली मिट्टी धूल के रूप में लोगों का हुलिया बिगाड़ रही है। जनता 2022 के विधान सभा के चुनावों में की गई 10 गारंटी योजनाओं का गिन गिन कर हिसाब लेगी।

संवाददाताः चैन गुलेरिया

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